विक्रम संवत 2079 माघ मास यानी वैशाख मास की एकादशी है। इस एकादशी को मोहिनी एकादशी भी कहते हैं। मोहिनी एकादशी कोभगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत से साधक अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। किसी को अपनी ओर आकर्षित भी कर सकत हैं। गुरुवार के दिन मोहिनी एकादशी से और क्या लाभ कमाया जा सकता है आईए जानते हैं।
थोड़ा-सा केसर लेकर, पहले भगवान श्री विष्णु को तिलक लगाएं, फिर ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ बोलते हुए अपने बच्चे को केसर का तिलक लगाएं। ऐसा करने से आपका बच्चा आपकी बातों पर ध्यान देगा और धीरे-धीरे करके आपकी परेशानी भी कम होगी।
अपनी आर्थित स्थिति कमजोर है तो तुलसी के पौधे में दूध अर्पित करें और दोनों हाथों से तुलसी की जड़ को छूकर आशीर्वाद लें। स्थाई आमदनी के साधन बनेंगे और अचानक कहीं से धन लाभ हो सकता है।
अगर आपकी कोई विशेष इच्छा है, जिसे आप जल्द से जल्द पूरी करना चाहते हैं, तो मोहिनी एकादशी को नया पीले रंग का छोटा-सा कपड़ा लें। उस कपड़े के चारों ओर किनारे पर एक चमकीले रंग का गोटा लगाएं और किसी विष्णु मंदिर मेंश्री हरि के मंदिर में वो कपड़ा भेंट कर दें। साथ ही भगवान से अपनी इच्छा की पूर्ति के लिये प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपकी जो भी इच्छा होगी, वह जरूर पूरी होगी।
नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के लिए मोहिनी एकादशी को पानी में थोड़ा-सा गंगाजल और कुछ तिल डालकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की धूप-दीप आदि से विधि-पूर्वक पूजा करें और भगवान का आशीर्वाद लें। ऐसा आपके जीवन की उन्नति सुनिश्चित होगी।
पति-पत्नी के बीच रोज होने वाली कलह को रोकने के लिए भगवान श्री विष्णु की विधि-पूर्वक पूजा करने के बाद श्री विष्णु गायत्री मंत्र का जाप करें। श्री विष्णु गायत्री मंत्र इस प्रकार है- ऊँ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। इस मंत्र का 11बार जाप करने से जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते में मजबूती आयेगी।
ऑफिस-व्यवसाय में कामयाबी हासिल करने के लिये मोहिनी एकादशी को भगवान विष्णु के आगे चन्दन की खुशबू वाली धूपबत्ती जलाएं। साथ ही उन्हें पिसी हुई शक्कर मिले दही का भोग लगाएं। साथ ही यह ध्यान रहे कि भोग लगाने के बाद प्रसाद को कभी रखना नहीं चाहिए। क्योंकि भगवान को चढ़ाया प्रसाद कुछ देर बाद निर्माल्य हो जाता है। लिहाजा भगवान को दही का भोग लगाने के तुरंत बाद ही उसे प्रसाद के रूप में स्वयं खा लें। ऐसा करने से आपके प्रतिद्वंदी शांत हो जाएंगे और आपकी तरक्की की राह खुल जाएगी।
अपने करियर की बेहतरी के लिये, अपने आपको एक ऊंचे मुकाम तक पहुंचाने के लिये इस दिन भगवान विष्णु को माखन, मिश्री का भोग लगाएं और श्री विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के आगे बैठकर ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ मंत्र का 108बार जाप करें। ऐसा करने से आपके करियर की बेहतरी होगी और आप एक ऊंचे मुकाम तक पहुंचेंगे।
मोहिनी एकादशी को किसी जनेऊधारी-सदाचारी ब्राह्मण को आदर सहित घर पर आमंत्रित करें और भरपेट भोजन कराएं। भोजन के बाद यथासामर्थ्य साथ दक्षिणा भी दें। अगर ब्राह्मण भोजन के लिये स्वयं घर पर न ऐसा करने से घर में धन-धान्य आएगा, घर में प्रसन्नता का माहौल बनेगा।
2-
IPL 2022: CSK के कप्तान एमएस धोनी को लगा बड़ा झटका, ये धुरंदर खिलाड़ी टूर्नामेंट से बाहर
IPL 2022 CSK captain MS Dhoni in trouble Big Player had to go out of Tournament
आईपीएल 2022 में खिताब की दौड़ में शामिल चैन्नई सुपर किंग को बड़ा झटका लगा है। सीएसके का एक बड़ा खिलाड़ी टूर्नामेंट से बाहर हो गया है। जी हां, चेन्नई सुपर किंग्स यानी सीएसके के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा अब आईपीएल 2022 के बाकी बचे मैचों में आपको नजर नहीं आएंगे। रविंद्र जडेजा को चोट के कारण आईपीएल से बाहर होना पड़ा है। इसी सीजन में चेन्नई की कप्तानी करने वाले जडेजा आईपीएल 2022 के बाकी बचे मैचों से बाहर हो गए हैं और इस बात का आधिकारिक ऐलान चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी ने कर दिया है।
चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि रविंद्र जडेजा ने पसली में चोट की सूचना दी। रविवार को दिल्ली कैपिटल के खिलाफ खेले गए मैच में वो चेन्नई सुपर किंग्स के लिए उपलब्ध नहीं थे। वो डॉक्टर्स की निगरानी में थे और चिकित्सा सलाह के आधार पर उन्हें आईपीएल के बाकी सत्र के लिए बाहर कर दिया गया है। रविंद्र जडेजा ने इस सीजन 8 मैचों में कप्तानी की थी, जिसमें टीम सिर्फ दो मैच जीत पाई थी।
रविंद्र जडेजा के लिए ये सीजन अच्छा नहीं गुजरा। जडेजा को आईपीएल 2022 से पहले एमएस धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स यानी सीएसके की कप्तानी हैंडओवर की थी, लेकिन इस दौरान न तो टीम अच्छा प्रदर्शन कर पाई और न ही जडेजा अच्छा प्रदर्शन कर सके। जडेजा बल्ले और गेंद के साथ-साथ फील्ड पर भी संघर्ष करते दिखे। दबाव में जडेजा से कैच भी छूटे। यही वजह रही कि उन्होंने कप्तानी फिर से धोनी को सौंप दी थी।