नए वेज कोड का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है। आपको बता दें कि नए वेज कोड अक्टूबर 2021 में लागू होने वाला था, लेकिन राज्य सरकारों के अटकलों के कारण इसे नहीं लागू किया गया। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अब ये नया नियम अगले साल यानी 2022 में लागू किया जा सकता है, क्योंकि इस समय तक सभी राज्य भी अपने-अपने ड्राफ्ट रूल्स केंद्र सरकार के सामने पेश कर देंगे। नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान दिए गए हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक पर असर पड़ेगा। सूत्रों के हवाले से कर्मचारियों की सैलरी और छुट्टियों को लेकर जानकारी मिली है। चलिए आपको बताते है क्या है ये जानकारी-
300 होंगी साल की छुट्टियां- कर्मचारियों की अर्जित अवकाश यानी छुट्टियां 240 से बढ़कर 300 हो सकती हैं। लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी।
सैलरी स्ट्रक्चर- नए वेज कोड के तहत कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा। जिसके तहत सैलरी में कमी आ सकती है। क्योंकि वेज कोड एक्ट 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े।
बढ़ेंगे काम के घंटे- नए वेज कोड के तहत काम के घंटे बढ़कर 12 हो जाएंगे। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बताया कि प्रस्तावित लेबर कोड में कहा गया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा, दरअसल कुछ यूनियन ने 12 घंटे काम और 3 दिन की छुट्टी के नियम पर सवाल उठाए थे। सरकार ने इस पर अपनी सफाई में कहा कि हफ्ते में 48 घंटे काम का ही नियम रहेगा, अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी।
वीकली ऑफ- अगर कोई कंपनी दिन में 12 घंटे काम को अपनाती है तो बाकी 3 दिन उसे कर्मचारी को छुट्टी देनी होगी। अगर काम के घंटे बढ़ते हैं तो काम के दिन भी 6 की बजाय 5 या 4 ही होंगे, लेकिन इसके लिए कर्मचारी और कंपनी दोनों के बीच सहमति होना भी जरूरी है।