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Shanidev के खास उपचारः शनि की वक्र दृष्टि से मुक्ति पाना चाहते हैं तो करें ये छोटे-छोटे उपाय

शनि को खुश करने के आसान टिप्स

विक्रम संवत 2079 के दूसरा मास यानी माधव मास या वैशाख की आज अष्ठमी है। आज माधव मास का पहला शनिवार है। यह विशेष संयोग है कि अष्टमी को पहला शनिवार है। आज के दिन ब्रह्माण्ड के शनिदेव को कुछ छोटे-छोटे उपाय कर प्रसन्न किया जा सकता है। आज शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है।

 भारतीय पंचांग के अनुसार आज प्रात: 6बजकर 29मिनट के बाद अष्टमी की तिथि शुरू होगी।  स्नान आदि दैनिक कृत्यों से निवृत्त होकर शनिदेव के बीज मंत्र प्रां प्रीं प्रौं सः शनिचराय नमः का 108 बार जप करना चाहिए। घर के दरवाजे तेल का निवेदन करने वाले को लोहे या स्टील की कटोरी में अपनी श्रद्धानुसार तेल लें और उसमें लोहे का बना सिक्का डालें। फिर उस कटोरी में अपना चेहरा देख कर उसे तेल मांगने वाले के पात्र में डाल दें।

कुछ लोग शनि चालीसा का भी पाठ करते हैं। इसके अलावा विशेष तौर पर शनिदेव का ध्यान करते हुए गाय के देसी घी में लाल सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं तो आपके कष्ट दूर होंगे। कहा तो यह भी गया है कि सच्ची श्रद्धा से दण्डाधिकारी शनिदेव पूजा-अर्चन से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और सभी की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी करते हैं। शनि देव को न्याय का देवता माना गया है।  अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल देते हैं और बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं। इसलिए व्यक्ति को हमेशा जीवन में अच्छे कर्म ही करने चाहिए।

शनिदेव भगवान शंकर के शिष्य भी हैं। इसलिए आज के दिन महामृत्युंजय जप करने से रोग-शोक से मुक्ति मिलती है। यदि आज रुद्राभिषेक कर सकते हैं तो अतिउत्तम रहेगा। काली दाल का दान, कौव्वों को कागौर देने से भी बहुत जल्दी शनि के दोष से मुक्ति मिलती है।