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Pakistan में सियासी संकटः इमरान खान मोहरा है, पॉलिटिकल ड्रामे का रिंग मास्टर तो जनरल बाजवा है, निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट पर!

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पाकिस्तान में सियासी संकट के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक्टिव होते ही पाक आर्मी ने अपने बूट कसने शुरू कर दिए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि जनरल बाजवा ने सभी कोर कमाण्डरों को आदेश दिया है  कि वो फौज को तैयार रखें और हरी झण्डी मिलते ही पाकिस्तान की सत्ता को संभालने के लिए तैयार रहें। हालांकि, पाकिस्तानी फौज की ओर से डीजीआईएसपीआर ने कहा है कि नेशनल असैंबली में जो कुछ हुआ उसके बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं था। पाकिस्तानी फौज रूल ऑफ लॉ से बंधी हुई है। फौज पाकिस्तान की पॉलिटिक्स में कोई दखल नहीं दे रही है।</p>
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डीजीआईएसपीआर के बयान पर पाकिस्तान के मीडिया ने आशंका व्यक्त की है कि आज पार्लियामेंट में जो कुछ हुआ वो प्रीरिटेन स्क्रिप्ट के तहत हुआ। ऐसा संभव ही नहीं है कि सरकार नो कॉन्फिडेंस मोशन को बिना वोटिंग के खारिज करने जा रही है, इसका इल्म फौजी हुक्कामों को न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। आर्मी चीफ जनरल बाजवा सिक्योरिटी डायलॉग के दौरान इमरान खान के बयान से अलग अपना नजरिया पेश कर, न केवल दुनिया को धोखे में रखा बल्कि पाकिस्तान के विपक्ष को भी ‘न्यूट्रेलिटी’के नाम पर जोर का झटका दे दिया है।</p>
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पाकिस्तान में चल रहे सियासी ड्रामे के सबसे बड़े किरदार बाजवा ही हैं। वो पर्दे के पीछे से खेल खेल भी रहे हैं और खेल के बाकी किरदारों को डाइरेक्शन भी दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के सूमोटो कॉग्निजेंस पर पाकिस्तान के मीडिया का कहना है कि इस तरह से यह बताने की कोशिश की जारही है कि इमरान सरकार ने जो कुछ भी किया है उसे वो प्राइमाफेसी भले ही गलत है लेकिन पाकिस्तान के संविधान के अनुसार ठीक ही किया है। उनका यही कहना है कि सुप्रीम कोर्ट भी सिर्फ ड्रामा कर रहा है।</p>
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बहरहाल, अब जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है तब तक इधर-उधर के कयास लगाए जाते रहेंगे। इससे पहले जैसे ही डिप्टी स्पीकर ने कानून मंत्री फवाद चौधरी के बयानिया को सही ठहराते हुए पहले से तैयार नजीरों को देते हुए विपक्ष के नो कॉन्फिडेंस मोशन को वोटिंग के नाकाबिल बताते हुए रद्द किया। वैसे ही इमरान टीवी पर नमूदार हुए। सिर्फ यह बताने के लिए कि अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाते ही संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी गई है। इतना ही नहीं आनन-फानन में राष्ट्रपति आरिफ अलवी ने भी संसद भंग करने पर मुहर लगा दी।</p>
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इमरान खान ने राष्ट्रपति आरिफ अलवी की मुहर के तुरंत कैबिनेट को भंग कर दिया और अवाम से कहा कि वो फ्रेश चुनाव के लिए तैयार हो जाएं। अगर सुप्रीम कोर्ट भी इमरान खान के रवैये को ठीक ठहराया तो 90 दिन के भीतर नए इलेक्शन कराए जाएंगे। इस बीच यह भी खबर मिली है कि सुप्रीम कोर्ट में अटार्नी जनरल और डिप्टी अटार्नी जनरल ने अपने-अपने इस्तीफे भेज दिए थे, लेकिन चीफ जस्टिस बंदियाल ने कोर्ट पहुंचते ही अटार्नी जनरल को तलब कर लिया है। पाकिस्तान के विपक्षी नेता और अवाम के साथ ही दुनिया भर की निगाहें पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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