विचार

Telangana टी राजा और नफरती भाईजान-ओवैसी खानदान की परतें खोलती रिपोर्ट

तेलंगाना (Telangana) में बीजेपी के एक मात्र (निलंबित) विधायक टी. राजा सिंह को प्रीवेंशन ऑफ डिटेंशन एक्ट के तहत गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल में डाल दिया गया है। ठीक है। इससे ज्यादा तेलंगाना (Telangana) राज्य (सरकार) टी. राजा सिंह के साथ कुछ कर भी नहीं कर सकता था। प्रीवेंशन ऑफ डिटेंशन एक्ट राज्य यानी शासन यथा पुलिस-प्रशासन तब लागू करता है जब उसके पास यह पक्का आधार हो कि अमुक व्यक्ति से कानून-व्यवस्था को बिगड़ सकती है। राज्य की आधार (या निराधार) आशंका का शिकार व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष पेश करने की जरूरत नहीं है। तेलंगाना (Telangana) राज्य यानी शासन यथा पुलिस-प्रशासन को अधिकार है जब तक उसकी आशंका खत्म न हो जाए वो व्यक्ति जेल से बाहर नहीं आ सकता। मतलब यह कि उसका नैसर्गिक न्याय का अधिकार भी खत्म हो जाता है।

T Raja Singh तेलंगाना की शांति के लिए खतरा!

तेलंगाना राज्य यानी शासन यथा पुलिस-प्रशासन के पास संभवतः पक्के सबूत हैं कि टी. राजा सिंह समाजिक शांति के लिए खतरनाक हैं, इसलिए उन्हें जेल में डाल दिया। अब कुछ बातें टी. राजा सिंह के बारे में। टी. राजा सिंह तेलंगाना के निर्वाचित विधायक हैं। यानी तेलंगाना विधायिका के सदस्य है यानी वो लॉ मेकर्स की श्रेणी में आते हैं। ठीक वैसे ही जैसे नफरती भाईजान विधायिका के सदस्य यानी लॉ मेकर्स की श्रेणी में आते हैं मगर यहां खास बात यह कि ‘केसीआर’ (यानी कलवाकुंतला चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री तेलंगाना) उनके मतलब नफरती भाईजान के इशारे पर सरकार चलाते हैं। टी. राजा सिंह ने दो वीडियो जारी किए। पहले वीडियो में उन्होंने किसी संप्रदाय के एक प्रवर्तक का अपमान किया। यह बताते हुए कि एक कथित एंटरनेटर स्टैंडिंग कॉमेडियन- कॉमेडी के नाम पर भगवान राम और देवी सीता का अपमान करता है। उसके शो को राज्य यानी शासन यथा पुलिस-प्रशासन उसके शो को अनुमति न दे। क्यों कि उस कथित एंटरनेटर की फूहड़ कॉमेडी से देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की भावनाएं आहत होती हैं। टी. राजा सिंह के वीडियो बयान के अनुसार, उन्होंने कम से कम 10 पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया कि कथित फूहड़ कॉमेडियन के शो इजाजत न दें, चूंकि पुलिस प्रशासन को बहुसंख्यक हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का ख्याल नहीं है इसलिए विरोध स्वरूप मुस्लिम संप्रदाय के प्रवर्तक को अपमान जनक शब्द बोल रहे हैं। हालांकि उन्हें किसी के लिए भी अपमानजनक शब्द नहीं बोलने चाहिए थे, क्यों कि वो लॉ मेकर हैं। शासन यथा पुलिस-प्रशासन ने उनके अनुरोध को नहीं माना तो उन्हें (टी. राजा सिंह को) न्यायपालिका के पास जाना चाहिए था। जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का विकल्प उनके पास था। इस विकल्प से कथित एंटरटेनर और उसकी फूहड़ कॉमेडी पर रोक लगने की संभावना थी।

T Raja का वीडियो बयान और सिर तन से जुदा के नारे

बहरहाल, टी. राजा सिंह ने वीडियो बयान सोशल मीडिया पर जारी कर दिया। नफरती भाईजान की फौज सर तन से जुदा के नारे लगाने लगी। सोशल मीडिया पर एकतरफा विरोधी अभियान शुरु हो गया। राज्य यानी शासन यथा पुलिस प्रशासन को कतई आशंका नहीं हुई कि भीड़ के नारों से समाजिक शांति भंग हो सकती है। राज्य यानी शासन यथा पुलिस-प्रशासन को कथित एंटरटेरन की फूहड़ कॉमेडी से बहुसंख्यक हिंदुओं की भावनाएं आहत होने की आशंका नहीं हुई। जबकि वो सांप्रदाइक वैमनस्य और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में एकबार जेल चुका है। न्यायालय में माफी मांग कर वापस आया और फिर से अपने अभियान में जुट गया।

सिर्फ मुसलमनों की भावनाएं आहत हुईं!

तेलंगाना राज्य यानी शासन यथा पुलिस प्रशासन ने माना कि टी राजा सिंह वीडियो बयान के बाद मुसलमानों की भावनाएं आहत हुईं। इसलिए वो भड़के। इसलिए उन्होंने सर तन से जुदा के नारे लगाए। तिरंगा हाथ में लेकर ऐसे हिंसक-भड़काऊ भाषण लगाए। पुलिस-प्रशासन ने इसके लिए भी टी राजा सिंह को आरोपी मानते हुए केस दर्ज किया और अदालत के समक्ष पेश कर दिया। न्यायलय ने सभी परिस्थितियों का आंकलन किया और टी राजा सिंह को हिदायत के साथ जमानत पर छोड़ दिया। पुलिस ने अभी तक उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी जो तिरंगा लेकर सर तन से जुदा के नारे लगा रहे थे। तिरंगे का यानी संविधान का अपमान कर रहे थे। वैसे भी न्यायालय ऐसे मामलों में बहुत सख्त रुख नहीं अपनाता। हाल के महीनों में सार्वजनिक तौर पर सर तन से जुदा के नारे देने वालों या हिंदू-देवी देवताओं के अपमान करने वालों को भी देश के न्यायालय जमानत पर रिहा करते रहे हैं। इन मामलों में आप किसी भी राज्य को देख सकते हैं।

मस्जिदों से जुम्मे की नमाज के बाद जुलूस का ऐलान

अदातल से टी. राजा सिंह को जमानत मिलने से नफरती भाईजान बौखला गए। उन्होंने अपनी फौज को फिर इशारा किया और बवाल शुरू हो गया। फिर से एकतरफा विरोधी वीडियो बयान जारी होने लगे। पूरे तेलंगाना को हिंसा की आग में झौंके जाने की साजिश होने लगी। मस्जिदों से ऐलान कर दिया गया कि जुम्मे के रोज नमाज के बाद जुलूस निकाला जाएगा। जुलूस तो बहाना होता है, जुलूस की आड़ में क्या होता रहा है, यह सब जानते हैं। टी. राजा सिंह को क्या धमकी दी जाने लगीं। वो किसी से छुपा नहीं है।

जमानत का विरोध सड़कों पर

इन सबके बाद टी राजा सिंह ने प्रतिक्रिया स्वरूप एक बयान और जारी कर दिया। इस बयान में उन्होंने मुस्लिम संप्रदाय के किसी प्रवर्तक का अपमान नहीं किया लेकिन चेतावनी जरूर दी कि सर तन से जुदा करने के लिए जो हाथ उठेगा वो हाथ काट दिया जाएगा और वो सर भी काट दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनका सर बकरे की गर्दन नहीं है। इस वीडियो के बाद फिर बवाल शुरू हो गया। टी राजा सिंह को जमानत दी ही क्यों गई। पहली नजर में यह अदालत की अवमानना का मामला बनता है, सुमोटो केस बनता है। लेकिन न अदालत संज्ञान लिया और न राज्य यानी शासन यथा पुलिस-प्रशासन को बुरा लगा। अलबत्ता बीजेपी आलाकमान ने टी राजासिंह के पहले वीडियो बयान पर ही संज्ञान लिया और न्यायायिक विकल्प का उपयोग न करने के आरोप में पार्टी से निलंबित भी कर दिया था।

 LIU की रिपोर्ट और प्रीवेंशन ऑफ डिटेंशन एक्ट

इस सबके बावजूद नफरती भाईजान टीवी चैनलों पर भड़काऊ बयानों का अभियान चलाते रहे। नफरती भाईजान रात के अंधेरे में सर तन से जुदा का नारे लगाने वाले ‘भ्रमित युवाओं’ को थाने से ही रिहा कराने का अभियान में भी जुटे थे। खैर, नफरती भाईजान ने ‘केसीआर’ से कहा (ऐसा बताया जाता है) टी राजा सिंह को बिना जेल भेजे अदालत से ही जमानत मिलना तो उनकी तौहीन है। किसी भी तरह टी राजा सिंह को सलाखों के भीतर भेजना ही होगा वरना क्या हो सकता है, उन्हें भी नहीं मालूम। (यह भी कहा जाता है) कि ‘केसीआर’ ने तुरंत अपने सचिवों से मंत्रणा की और कहा कि नफरती भाईजान नाखुश न हो जाएं- ऐसा कुछ किया जाए। सचिवों की राय के बाद राज्य यानी शासन यथा पुलिस-प्रशासन ने प्रीवेंशन ऑफ डिटेंशन एक्ट 1950 का संज्ञान लिया। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट से रिपोर्ट मांगी और टी राजासिंह को बुक कर दिया गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल में डाल दिया। साल भर तक के लिए टी राजा सिंह गए अंदर। सर तन से जुदा करने वाले, हिंसा और दंगो की खुली धमकी देने वाले रिहा होकर वापस आगए। उनकी वापसी पर फूल मालाओं से स्वागत हो रहा है। आतिशबाजी की जा रही है। आखिर किस लिए?

नफरती भाईजान के जहरीले बयान के बजाए कोर्ट जा सकते थे

एक बात और, अब तो राज्य यानी शासन यथा-पुलिस प्रशासन और उनकी अपनी पार्टी बीजेपी ने भी मान लिया कि टी राजा सिंह ने अपराध किया। लेकिन, टी राजा सिंह के अपराध का प्रतिकार सड़कों हिंसा फैलाकर ही किया जा सकता है? क्या सर तन से जुदा करने के नारे देने वालों और जहरीले बोल से समाज में आग लगाने वाले नफरती भाईजान के पास अदालत जाने का मौका नहीं था या है? निचली अदालत से टी राजासिंह को जमानत के आदेश को ऊपर की अदालत में चुनौती देने का अवसर या अधिकार खत्म हो चुका था। सड़क पर उतर दंगा करने, सर तन से जुदा की धमकी देने वाले, खुद को हिंदुस्तानी मानते हैं न, हिंदुस्तान की अदालतों में वाद दायर करने का उनके पास समान अधिकार है न!

हैदराबाद के रजाकार मिलिशिया से ओवैसी खानदान का रिश्ता

इसके पीछे एक रहस्य है। बहुत से लोग जानते हैं लेकिन उसका जिक्र नहीं करते। थोड़ा जिक्र सरदार वल्लभ भाई पटेल 3 जनवरी 1948 को कोलकाता के मैदान में किया था। थोड़ा जिक्र यहां किया जा रहा है। जिक्र नफरती भाईजान के इतिहास का है। नफरती भाईजान के बाप-दादा रजाकार थे। रजाकार मायने निजाम हैदराबाद की मिलिशिया। रजाकारों के चीफ कासिम रिज्वी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन बनाई। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन में एक सालार-ए-मिल्लत थे जिनका का नाम था सलाहुद्दीन ओवैसी। पाकिस्तान भागने से पहले कासिम रिज्वी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को इन्ही अब्दुल वहाद ओवैसी के हवाले कर गया था। अब्दुल वहाद ओवैसी ने इसी सालार-ए-मिल्लत सलाहउद्दीन ओवैसी को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। सलाहउद्दीन ने 1957-58 में मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को फिर से खड़ा किया और इसके आगे आल इंडिया जोड़ दिया। नाम के आगे आल इंडिया जरूर जोड़ा गया लेकिन मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का मकसद वही रहा जो पहले था मतलब यह कि मुसलमानों के लिए मुसलमानों का राज कायम करना।

ऐसे असदउद्दीन या अकबर उद्दीन ओवैसी के सामने बीजेपी का विधायक (अभी निलंबित) टी. राजा सिंह अगर चुनौती बनकर खड़ा हो जाए तो उसे कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है?

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago