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 जानिए उन दवाओं के नाम,जो आपकी सेहत से करते हैं खिलवाड़ और इसलिए सरकार ने इन दवाओं पर लगाये हैं प्रतिबंध

प्रतीकात्मक फ़ोटो

केंद्र सरकार ने निमेसुलाइड और पेरासिटामोल टैबलेट और क्लोफेनिरामाइन मैलेट और कोडीन सिरप सहित 14 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि ये सेहत के लिए ख़तरनाक हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि इन फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं का “कोई चिकित्सकीय औचित्य नहीं है”। उल्लेखनीय है कि एफडीसी दवायें वे होती हैं, जिनमें एक निश्चित अनुपात में दो या दो से अधिक सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) का संयोजन होता है। एक विशेषज्ञ समिति की सिफ़ारिशों के बाद यह अधिसूचना जारी कर दी गयी है।

इन प्रतिबंधित दवाओं में वे दवायें शामिल हैं, जिनका उपयोग आम संक्रमण, खांसी और बुखार के के लिए किया जाता है, जैसे: निमेसुलाइड, पैरासिटामोल टैबलेट, क्लोफेनिरामाइन मैलेट कोडीन सिरप, फोल्कोडाइन प्रोमेथाज़िन, एमोक्सिसिलिन ब्रोमहेक्सिन और ब्रोमहेक्सिन डेक्सट्रोमेथोर्फन अमोनियम क्लोराइड मेन्थॉल, पैरासिटामोल ब्रोमहेक्सिन फेनिलफ्राइन क्लोरफेनिरामाइन गुइफेनेसिन और सालबुटामोल ब्रोमहेक्सिन।

विशेषज्ञ समिति ने कहा कि “इस एफडीसी (फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन) का कोई चिकित्सीय औचित्य नहीं है और एफडीसी से मनुष्यों के लिए खतरा हो सकता है। इसलिए, व्यापक जनहित में औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26 ए के तहत इस एफडीसी के निर्माण, बिक्री या वितरण पर रोक लगाना आवश्यक है। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि रोगियों के लिए इन दवाओं में से किसी का भी किसी भी तरह का उपयोग उचित नहीं है।

इस ड्रग्स अधिसूचना में आगे कहा गया है,”विशेषज्ञ समिति और औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार इस बात से संतुष्ट है कि उक्त दावाओं के मानव उपयोग के लिए बिक्री, वितरण और उत्पादन पर प्रतिबंध लगाना जनहित में आवश्यक और उचित है”