नासा ( NASA) का अब तक का सबसे शक्तिशाली स्पेस रॉकेट पृथ्वी छोड़कर, अंतरिक्ष में जाने के लिए बिलकुल तैयार है। मालूम हो, नासा 50 साल के लंबे समय के बाद इंसानों को चांद पर भेजने की तैयारी में जुटा हुआ है। यही नहीं 1972 के बाद ऐसा पहली बार ऐसा होगा जब चांद पर मानव एक बार फिर अपने कदम रखेगा। इसी कवायद में, नासा Artemis 1 मिशन के तहत अपनी पहली टेस्ट फ्लाइट अंतरिक्ष में भेज रहा है। यह स्पेसक्राफ्ट सोमवार को अपने फ्लोरिडा लॉन्चपैड से ये रॉकेट उड़ान भरेगा।
Artemis 1, मिशन के अंतर्गत ओरियन स्पेसक्राफ्ट (Orion Spacecraft) को भजा जाएगा, जिसमें सबसे ऊपर 6 लोगों के बैठने के लिए डीप-स्पेस एक्सप्लोरेशन कैप्सूल है। इसमें 322 फीट लंबा 2,600 टन वजन वाला स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) मेगारॉकेट होगा। यह रॉकेट सोमवार सुबह 8.33 बजे अपने पहले लिफ्टऑफ के लिए तैयार है। इसे फ्लोरिडा के उसी केप कैनावेरल लॉन्च कॉम्प्लेक्स (Cape Canaveral launch complex) से लॉन्च किया जाएगा, जहां से आधी सदी पहले अपोलो लूनर मिशन (Apollo Lunar Mission) को लॉन्च किया गया था।
छह हफ्ते की है ये परीक्षण उड़ान
छह सप्ताह की यह परीक्षण उड़ान अच्छी रही तो अंतरिक्ष यात्री कुछ वर्षों में चांद पर लौट सकते हैं। हालांकि, नासा के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जोखिम अधिक है और उड़ान की अवधि को कम किया जा सकता है। नासा के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि शनिवार को आई आंधी के दौरान नासा केनेडी अंतरिक्ष केंद्र पर स्थित रॉकेट और कैप्सूल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अन्य उपकरणों को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है।
🚀One rocket. One mission. Many ways to watch #Artemis I launch to the Moon.
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The two-hour launch window opens at 8:33am EDT on Aug. 29. https://t.co/D9RaNE9Gfq
— NASA (@NASA) August 27, 2022
उल्लेखनीय है कि नासा का आर्टेमिस-1 मिशन करीब आधी सदी के बाद मनुष्यों को चंद्रमा की यात्रा कराकर वापस लाने के एक महत्वपूर्ण कदम की ओर अग्रसर है। इस मिशन को 29 अगस्त 2022 को रवाना किया जाना है और नासा की अतंरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली और ऑरियन क्रू कैप्सूल के लिए यह महत्वपूर्ण यात्रा होने वाली है। यह अंतरिक्ष यान चंद्रमा तक जाएगा, कुछ छोटे उपग्रहों को कक्षा में छोड़ेगा और स्वयं कक्षा में स्थापित हो जाएगा। नासा का उद्देश्य अंतरिक्ष यान के परिचालन का प्रशिक्षण प्राप्त करना और चंद्रमा के आसपास अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अनुभव किए जाने वाले हालात की जांच करना है।