IIT यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोल़जी का एक्जाम सबसे खठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा को पास करना ना सिर्फ मुश्किल ही नहीं है,बल्कि उत्तीर्ण छात्रों के लिए समाज में हैसियत भी दिलाती है। लेकिन, क्या आपको पता है कि एक गांव ऐसा भी है, जहां हर बार न सिर्फ़ दर्जन से ज़्यादा बच्चे IIT पास करते हैं,बल्कि उस गांव के एक-एक घर से कम से कम एक आईआईटीयन ज़रूर है।
IIT में दाखिला लेना तकरीबन हर छात्र-छात्राओं का सपना होता है। भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान इंजीनियरिंग के क्षेत्र में देश के सबसे नामी और प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूटों में से एक है। IIT से पासआउट होने के बाद बड़ी सैलरी के साथ अच्छी कंपनियों में नौकरी मिलना तय माना जाता है। IIT जैसे संस्थानों के लिए जो प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है,वह काफी कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस संस्थान में दाखिला लेने के लिए बच्चे कड़ी और लगातार पढ़ाई करते हैं। तब जाकर कहीं वे इस परीक्षा को पास कर पाते हैं।
भारत प्रतिभाओं से भरा हुआ देश है। यहां के बच्चे किसी न किसी क्षेत्र में अपनी विशिष्टता ज़रूर रखते हैं,और देश की सेवा में अपना योगदान देते हैं। लेकिन, देश का एक प्रांत, बिहार विकास के दृष्टिकोण से काफ़ी पिछड़ा माना जाता है, वहां एक ऐसा गांव है,जिस गांव के हर घर से एक न एक आईआईटीयन्स है। इस गांव से हर साल करीब दर्जन भर से ज़्यादा बच्चे IIT जैसे कठिन परीक्षा पास करते हैं। बिहार के गया ज़िले का पटवाटोली गांव जहां हर घर से एक आईआईटीयन अवश्य है। IIT क्रैक करने का यह सिलसिला इस गांव के लिए कोई नई बात नहीं है। आईआईटी पास करने का यह सिलसिला उस गांव में 1996 से बदस्तूर है।
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IIT जैसे कठिन परीक्षा को पास करने के लिए अमूमन छात्र और छात्राएं कई कोचिंग संस्थानों का सहारा लेते हैं। बड़े-बड़े शहरों में IIT और मेडिकल की तैयारी करवाने के लिए मोटी रक़म वसूली जाती है। ऐसे में इस के गया ज़िले का यह गांव एक मिसाल है,क्योंकि बिना किसी कोचिंग की सहयता से यहां के छात्र IIT परीक्षा क्रैक करते हैं।
सीनियर आईआईटीयन्स के सहारे गांव में ही बच्चों के लिए एक लाइब्रेरी की व्यवस्था की गयी है, जहां गांव के बच्चे आकर लाइब्रेरी की मदद से ऐसे कठिन परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। यह लाइब्रेरी गांव वाले ही चलाते हैं,औऱ इसके लिए कोई अलग से फ़ीस नहीं ली जाती,छात्रों के लिए यह सेवा पूरी तरह मुफ़्त है। इस गांव के ऐसे छात्र, जो IIT पास कर चुके हैं या फिर इन संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं, वे गांव में तैयारी कर रहे बच्चों को ऑनलाइन कोचिंग के ज़रिए तैयारी भी करवाते हैं। ऐसे में यहां के बच्चों के लिए आईआईटी की परीक्षा में उत्तीर्ण होना थोड़ा आसान हो जाता है। हर साल होने वाली IIT की प्रवेश परीक्षा में इस गांव के छात्रों का प्रदर्शन काफ़ी अच्छा रहता है। लिहाज़ा इस गांव को ‘IIT Village’ कहा जाता है।
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