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CWG 2022: पिता की मौत के बाद टूट गया घर, लेकिन गोल्ड मेडलिस्ट Achinta Sheuli ने नहीं हारी हिम्मत- बिना रेस्ट करते रहे मेहनत

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बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत के वेटलिफ्टरों ने धमाल मचा दिया है। भारतीय वेटलिफ्टरों को लगातार शानदार प्रदर्शन जारी है। इनकी कड़ी मेहनत का परिणाम यहां देखने को मिल रहा है। कॉमनवेल्थ गेम्म 2022 में अबतक भारत की झोली में तीन गोल्ड मेडल आ चुका है। पहली मिराबाई चानू, दूसरा गोल्ड मेडल जैरेमी लालरिनुंगा ने दिलाया और तीसरा अचिंता शुली ने। अचिंता शुली को यहां तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करना पड़ा। यहां तक पिता की मौत के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। इसके साथ ही उन्होंने बिना रेस्ट किए दिन रात मेहनत करना शुरू कर दिया.</p>
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वेटलिफ्टर अचिंता शुली ने 73 किलोग्राम भार वर्ग में देश को तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया। अचिंता ने स्नैच राउंड में 143 किलो वजन उठाया जबकि क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 170 किलो वजन उठाकर गोल्ड मेडल सुनिश्चित कर लिया। अचिंता शुली ने 73 किलो भार वर्ग में कुल 313 किलो का वजन उठाते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड बनाया। 20 साल के अंचिता ने साई केंद्र एनएसएनआईएस पटियाला में कड़ी ट्रेनिंग ली और खुद को लगातार बेहतर बनाया। कॉमनवेल्थ गेम्मस तक पहुंचने के लिए उन्होंने सालों मेहनत किया। हावड़ा के धूलागढ़ के रहने वाले अचिंता 10 साल की उम्म्र में अपने भाई आलोक के साथ जिम में ट्रेनिंग के लिए जाने लगे थे और हफ्ते में एक भी दिन रेस्ट किए बिना लगातार मेहनत करते थे।</p>
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<strong>पिता की मौत के बाद भी नहीं हारी हिम्मत</strong></p>
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शुरुआत में अचिंता काफी आसान एक्सरसाइज करते थे, लेकिन बाद में वह लिफ्टिंग करने लगे। उनके पित परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मजदूरी का काम करते थे। लेकिन, 2013 में उनकी मृत्यु हो गई जिसके बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और भाई आलोक को वेटलिफ्टिंग छोड़नी पड़ी। मां को घर चलाने के लिए सिलाई और अन्य काम करने पड़े। एक ओर परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था तो दूसरी ओर अचिंता अपने जुनून के साथ डटे रहे और चुपचाप अपने लिफ्टिंग पर ध्यान देते रहे। उन्होंने हार नहीं मानी।</p>
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अचिंता अपने खेल को लेकर इसते दृढ़ संकल्प हैं उन्होंने कहा था कि आजकल हर कोई फोन पर केंद्रित है। आपको जीवन में एक लक्ष्य रखने की जरूरत है। कई लोग लड़कियों को प्रभावित करने के लिए जिम जाते हैं। मैं आगे बढ़ना चाहता था, क्योंकि मेरी पारिवारिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। मुझे पता था कि बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और इसलिए मैंने कदम दर कदम सुधार करने की कोशिश की।</p>
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आईएन ब्यूरो

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