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Yashasvi ने वेस्डेटइंडीज में डेब्यू में जड़ा शतक,कहा ‘यह तो सिर्फ शुरुआत है।’

Yashasvi Jaiswal: भारतीय क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज दौरे पर है। इस दौरान वहां से अच्छी खबर आई है। यशस्वी जायसवाल ने भारतीय टीम के लिए अपने पहले ही टेस्ट में शानदार शतक ठोक दिया। उनके इस शानदार सेंचूरी के बाद वे भारतीय टीम के 17वें प्लेयर बन गए हैं जिन्होंने डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ा है। डोमिनिका टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ 143 रन बनाकर वह अभी क्रीज पर अभी हुए हैं।

डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने से खुश भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने कहा कि यह तो बस ‘शुरुआत’ है और वह अपने करियर को काफी आगे तक ले जाना चाहते हैं।बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने खुलासा किया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरुआती टेस्ट से पहले कप्तान रोहित शर्मा के शब्दों ने उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।

21 साल यशस्वी जयसवाल तीसरे दिन की समाप्ति पर 143 रन बनाकर क्रीज पर टिके हुए हैं,हालांकि भारत मजबूत स्थिति में है और वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी बढ़त को 162 रन तक पहुंचा दिया।

यशस्वी जायसवाल ने मैच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘यह तो सिर्फ मेरे करियर का आगाज है। कोशिश करूंगा कि कितना लंबा लेकर जा सकूं।’’ इस युवा बल्लेबाज ने 215 गेंद में अपना शतक पूरा किया और इस दौरान रोहित ने उनका शानदार तरीके से साथ दिया। दोनों ने पहले विकेट के लिये 229 रन की साझेदारी की।

यह टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की ओर से पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी थी। इससे पहले यह रिकॉर्ड वीरेंद्र सहवाग और वसीम जाफर के नाम था। इस जोड़ी ने 2006 ग्रोस आइलेट टेस्ट में 159 रन की साझेदारी की थी।

जायसवाल ने कहा, ‘बल्लेबाजी के दौरान मैं रोहित से लगातार बात कर रहा था वह मुझे समझा रहे थे कि इस विकेट पर किस तरह से बल्लेबाजी करनी है और कैसे रन निकालने है।हमारे बीच अच्छा कम्युनिकेशन था। वह मैच से पहले भी मेरा हौसला बढ़ा रहे थे, वह कह रहे थे कि मैं अच्छा कर सकता।

यशस्वी अपनी नाबाद 143 रन की पारी के साथ ही पदार्पण पर एशिया से बाहर सबसे बड़ी पारी खेलने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गये। उन्होंने इस मामले में पूर्व कप्तान और दिग्गज सौरव गांगुली (इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 131 रन) को पीछे छोड़ा। जायसवाल ने कहा, ‘मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। मेरे लिए यह भावनात्मक क्षण है। मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं। मैं अभी नाबाद हूं और खेलना जारी रखना चाहूंगा।

वहीं यशस्वी ने कहा कि मैं यह शतक अपने माता-पिता को समर्पित करना चाहूंगा। मेरी जिंदगी में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है और भगवान भी है। मै अभी ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहूंगा, यह सिर्फ शुरुआत है और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं।’

आईएन ब्यूरो

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