राष्ट्रीय

चांद से धरती का हाल बताएगा चंद्रयान-3! सुलझाएगा अंतरिक्ष की बड़ी गुत्‍थी, जानें और क्‍या करेगा

Chandrayaan 3 Mission: भारत ने एक बार फिर से चांद को छूने के लिए अपना नया स्पेस मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च कर दिया है। चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिग के लिए भारत दूसरी ने इसे दूसरी बार लॉन्च किया। आज यानी शुक्रवार को दोपहर 2.30 बजे यह मिशन लॉन्च किया गया है। लॉन्चिंग से लेकर चांद पर पहुंचने तक यह पूरा मिशन इसरो ने संभाला है। इससे पहले भारत ने 22 जुलाई 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था। तब यह स्पेसक्राफ्ट चांद तक आसानी से पहुंच गया था, लेकिन सतह पर उतरने से ठीक पहले ही कुछ खराबी आ गई और मिशन फेल हो गया। आइए जानें इस मिशन से भारत को क्या मिलेगा?

3 साल 11 महीने और 23 दिन बाद एक बार फिर से यह मिशन लॉन्च किया जा रहा है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर भेजा जाएगा। मगर, इस मिशन से वैज्ञानिक क्या चाहते हैं? अगर इस मिशन के लक्ष्य की बात करें तो चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में कई वैज्ञानिक पेलोड अपने साथ ले जाएगा। इससे पृथ्वी पर वैज्ञानिकों को चंद्रमा के बारे में बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।

मिशन के क्या लक्ष्य

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुताबिक वैज्ञानिक मुख्य तीन लक्ष्य चंद्रयान-3 से पूरा करना चाहते हैं। सबसे पहले वैज्ञानिक चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना चाहते हैं। चंद्रयान-2 मिशन भी सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए ही था। इसके बाद ISRO वैज्ञानिक चांद की सतह पर रोवर को चलाना चाहते हैं। सबसे अंत में वैज्ञानिक चांद पर कई प्रयोग करना चाहते हैं, जिसके लिए कई यंत्र भेजे जाएंगे।

ये भी पढ़े: चंद्रयान-3 मिशन के लिए ISRO ने क्यों चुना 2.35 बजे का वक्त,क्या है इसके पीछे का गणित?

धरती की दूरी का लगाएगा पता

भविष्य में सौर मंडल के बाहर ग्रहों को खोजने औ होंगे। धरती पर भूकंप की ही तरह चांद पर भी कंपन होता है। इसकी स्टडी एक यंत्र करेगा। दूसरा यंत्र धरती और चांद के बीर उन पर जीवन का पता लगाने में यह अध्ययन महत्वपूर्ण होगा। रिपोर्ट के मुताबिक विक्रम लैंडर में चार पेलोडच की सटीक दूरी का पता लगाएगा। तीसरा यंत्र प्लाज्मा वातावरण पर स्टडी करेगा। चौथा उपकरण यह पता लगाएगा कि चांद की सतह ऊष्मा को अपने जरिए कैसे प्रवाहित होने देती है। चांद की सतह के कंपोजिशन को समझने के लिए प्रज्ञान रोवर में लगे एक्स रे और लेजर का इस्तेमाल किया जाएगा।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

11 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

11 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

11 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

11 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

11 months ago