अठारहवीं शताब्दी के आख़िर में भारत का सामना एक ऐसी ताक़त से हुआ,जो भारत पर धर्म की एकरेखीय अवधारणा थोपना चाहती थी…1813 के ब्रिटिश एक्ट में इस ताक़त को पूरी छूट दे दी गयी कि वह अपना प्रचार करे,भारतीयों का धर्मांतरण करे…ये ताक़त थीं…ईसाई मिशनरियां…मगर,तभी भारत ने एक बार फिर बौद्धिकता की करवट ली और इससे भारत में यूरोप और अमेरिका के धर्मांतरण चाहने वालों में बेचैनी पैदा हो गयी…बाद में इसी वौद्धिकता या दर्शन को नीयो-वेदांत या नव-वेदांत कहा गया…नव-वेदांत शब्द गढ़ने वाला कोई भारतीय नहीं, बल्कि जर्मनी का एक इंडोलॉजिस्ट यानी भारतविद, यानी भारत को गहराई से जानने का दावा करने वाला शख़्स था…
ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…
मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…
हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…
इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…
Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…
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