बीते रविवार की लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त में खालिस्तानियों के समर्थकों ने जमकर बवाल कटा है। आलम यह था कि यहां जमकर तोड़फोड़ की गई हद तो तब हो गई जब तिरंगे (Indian Flag) का अपमान किया गया और उसे निकालकर फेंक दिया गया। लेकिन बदले में खालिस्तानियों के मुंह पर अब जोरदार तमाचा जड़ा गया है। जी हां, खालिस्तानियों के मुंह के आगे तिरंगा लहराकर उनकी बोलती बंद की गई है। बता दें, जो वीडियोज रविवार को सामने आये हैं वो काफी ज्यादा डराने वाले हैं। इनमें आप साफ देख सकते हैं कि आखिर किस तरह से तिरंगे को निकालकर खालिस्तानी उसी जगह पर अपना झंडा लगा रहे हैं। भारत में ब्रिटिश राजनयिक के सामने इस घटना को लेकर विरोध दर्ज कराया गया है।
सुनक सरकार से तुरंत एक्शन की मांग
इस दौरान अब भारत ने ब्रिटेन के राजनयिक से दो टूक कहा कि रविवार को जो कुछ हुआ है वह सीधे तौर पर विएना संधि का उल्लंघन है। रात 10:30 मिनट पर ही ब्रिटेन के राजनयिक को तलब किया गया था। उन्हें यह बता दिया गया कि भारत सुरक्षा में चूक की इस तरह की घटनाओं का हरगिज स्वीकार नहीं करेगा। भारत का मानना है कि यह घटना यूके स्थित भारतीय उच्चायुक्त और यहां काम करने वाले अधिकारियों की सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ है। साथ ही अब यूके की सुनक सरकार से तुरंत एक्शन की मांग की गई है।
खालिस्तानियों के आगे नहीं झुकेंगे
भारत का कहना है कि जो लोग इस घटना में शामिल हैं, उन्हें जल्द से जल्द हिरासत में लें और उन्हें सजा दी जाए। साथ ही दोबारा ऐसी घटना न हो इसके लिए सुरक्षा के सख्त उपाय किए जाएं। भारत में ब्रिटेन के राजदूत एलेक्स एलिस ने इस घटना के सामने आते ही इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की वारदात को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। उच्चायुक्त के बाहर बिल्कुल भी सुरक्षा नहीं थी और इस वजह से ही ये खालिस्तानी उच्चायुक्त के अंदर दाखिल होने में सफल हो पाए हैं। लेकिन इस नए घटनाक्रम का वीडियो भारत की तरफ से खालिस्तानियों और इनके समर्थकों के लिए करारा जवाब माना जा रहा है। इसके साथ ही भारत की तरफ से इस बात को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है कि किसी भी सूरत में इन खालिस्तानियों के आगे घुटने नहीं टेके जाएंगे।
साल 2019 में भी कुछ ऐसा हुआ
गौरतलब है यह कोई पहला मौका नहीं जब यह पहला मौका नहीं है जब लंदन स्थित भारतीय उच्चायुक्त में इस तरह की तोड़फोड़ की गई हो। इससे पहले साल 2019 में पाकिस्तान के कुछ नागरिकों ने उच्चायुक्त की खिड़की को तोड़ा दिया था। भारतकी तरफ से पहले भी इस तरह की घटनाओं पर यूके की सरकार से कार्रवाई की मांग की गई है। भारत हमेशा खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कदम उठाने की मांग करता आया है। भारत का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं बल्कि सुरक्षा भी का गंभीर मसला हैं।
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