आफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा के बाद से वहां के नागरिकों में दहशत है, महिलाओं सबसे ज्यादा डरी हुई हैं। क्योंकि तालिबान के कानून महिलाओं के लिए कुछ ज्यादे ही क्रूर हैं। यहां तक तालिहबान के आने के बाद अफगानिस्तान में उसकी क्रूरता भी दिखने लगी, महिलाओं को बुर्का पहनना अनिवार्य कर दिया, चुश्त कपड़े नहीं पहन सकती। घरों से अकेले बाहर नहीं जा सकती ऐसे में अब महिलाओं तालिबान के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है। और बुर्का पहनने के लिए शर्त रख दी है।
अफगानिस्तान के पश्चिमी शहर हेरात में 50के करीब महिलाएं सड़कों पर उतरीं और उन्होंने प्रदर्शन किया। महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि, शिक्षा, काम और सुरक्षा प्राप्त करना हमारा अधिकार है वो अपने हाथों में स्कूल जाने की मांग को लेकर पोस्टर लिए हुए नजर आईं।
प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि, वह बुर्का पहनने के लिए तैयार हैं अगर वो हमें ऐसा करने के लिए कहें तो, लेकिन हम चाहते हैं कि बच्चियों को स्कूल जाने दिया जाए और महिलाओं को काम करने की इजाजत दी जाए। प्रदर्शन का आयोजन करने वाली बशीरा ताहोरी ने कहा कि, सरकार गठन को लेकर बातें हो रही हैं, लेकिन वे महिलाओं की भागीदारी को लेकर कुछ नहीं कह रहे हैं। हम सरकार का हिस्सा बनना चाहते हैं। महिलाओं के बिना कोई सरकार नहीं बन सकती। हम चाहते हैं कि तालिबान हमारे साथ विचार-विमर्श करे।
बताते चलें कि, तालिबान के पहले के शासन के दौरान महिलाओं और बच्चियों को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्रों से दूर रखा गया। और बुर्का पहनना अनिवर्य था। बिना किसी पुरुष संरक्षक के महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल सकती थीं। इस वक्त भी जब तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जा किया तो सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चियों के प्रताणना की खबरें आईं। ताबिलानियों ने महिलाओं के साथ रेप किया और 12 साल से उम्र की बच्चियों को जंग में जीत के तोहफो के रूप में उनके साथ भी रेप किया और कई तालिबानी लड़ाकों की शादी कराई गई। हालांकि, अब यह देखना होगा कि नई सरकार में तालिबान महिलाओं को कितना आजादी देता है या फिर वो फिर से वही क्रूर कानून अपनाएगा।