अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा कर अपनी सरकार तो बना ली है लेकिन, इनके पास कुछ बचा ही नहीं है। तालिबान सरकार के पास पैसे के लाले पड़े हैं। अमेरिका सहीत जो देश अफगानिस्तान में मानवीय सहायता के लिए एक मोटी रकम भेजते थे वो भेजना बंद कर दिए हैं जिसके बाद अफगानिस्तान की हालत खस्ता है। तालिबानियों को आने के बाद से मुल्क में मानवीय संकट का खतरा गहराता चला जा रहा है। अब तो यहां पर हजारों महिलाएं भी भीख मांगने के लिए मजबूर हो गई हैं।
अफगानिस्तान के दक्षिणी प्रांत उरुजगन में हजारों की संख्या में महिलाएं भीख मांगने के लिए मजबूर हैं। ये वो महिलाएं हैं जिनके पति पिछले कुछ सालों में हुए संघर्ष में अपनी जान गंवा चुके हैं। पति की मौत के बाद अब उनकी विधवाओं पर गरीबी का पहाड़ टूट पड़ा है। महिलाओं को कहना है कि पति की मौत के बाद अब उनके परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा है। ऐसे में मजबूरी में वो सड़क पर भीख मांगने के लिए मजबूर हैं।
स्थानीय समाजार के मुताबिक, विधवाओं की हालत ऐसी हो गई है कि उनके पास बीमार बच्चे के दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। एक महिला ने कहा कि, मेरे पास उन्हें दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं है और न ही घर में कोई कमाने वाला है। एक अन्य महिला ने कहा कि, उसके पास तीन बच्चे हैं लेकिन उनको खाना खिलाने के लिए पैसे नहीं है। इन महिलाओं का कहना है कि, उनके बच्चे गरीबी के कारण शिक्षा से वंचित हैं। उन्होंने संबंधित संगठनों से काम उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया है।
बता दें कि, इस वक्त अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहराया हुआ है। आलम यह है कि, एक बच्चे का पेट भरने के लिए लोग दूसरे बच्चे को बेच दे रहे हैं। कुछ समय पहले तक तो काबुल की सड़कों पर लोग अपने बच्चों को लेकर बेचने के लिए खड़े नजर आते थे। यहां की स्थिति अब भी लगातार खराब होते जा रही है। ऐसे में आम लोगों पर सबसे ज्यादा इसका असर देखने को मिल रहा है।