किसी की दुर्दशा हुई और हो रही है तो वो हैं औरतें। औरतों की जिंदगी तालिबान ने एक बार फिर से नर्क बना दिया है। तालिबान राज के बाद महिलाएं छोटे कपड़े तो दूर पश्चिमी देशों के कपड़े नहीं पहन सकती। बुर्का अनिवार्य है। साथ ही कई तरह की चीजों पर पाबंदियां लगी हुई हैं। हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान में लड़कियों के माध्यमिक स्कूलों को बंद कर दिया था जिसे, लेकर अमेरिका ने सख्त नाराजगी जाहिर कि है। इसके साथ ही कई और देशों ने भी तालिबान के प्रति नाराजगी जाहिर की है।
तालिबान दुनिया से लगातार गुहार लगा रहा है कि उसकी सरकार को अंतराष्ट्रीय मान्यता दी जाए। लेकिन, तालिबान अपनी किसी भी बात पर खरा नहीं उतरा है। वो लगातार छूठ बोल रहा है कि वह लोगों के हितों में काम कर रहा है। अफगानिस्तान में लड़कियों के माध्यमिक स्कूलों को खोलने के कुछ ही घंटों बाद तालिबान ने अंचानक ही बंद कर दिया था। हालांकि, कब्जा के बाद से ही देश में तालिबान ने लड़कियों के स्कूलों को बंद रखा था और इतने लंबे समय के बाद खुला भी तो फिर से तालिबानियों ने बंद करा दिया।
समाचार एजेंसी AFP ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने तालिबान से अफगानिस्तान में लड़कियों के स्कूल फिर से खोलने का आह्वान किया है। अमेरिका समेत कई देशों ने अफगानिस्तान में लड़कियों के सेकेंड्री स्कूल को फिर से खोलने के कुछ ही घंटों बाद बंद करने के तालिबान के फैसले की निंदा की है, और कट्टरपंथी इस्लामी आंदोलन से जुड़े पाठ्यक्रम को हटाने का अनुरोध भी किया है। बता दें कि, पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद छात्राएं पहली बार कक्षाओं में लौटीं थीं, लेकिन नया आदेश मिलने के बाद अपने बस्ते के साथ वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा। तालिबान ने बुधवार को अफगानिस्तान में छात्राओं के लिए सेकेंड्री स्कूल खोले जाने के महज कुछ ही घंटों बाद के अंदर फिर से इसे बंद करने का आदेश दे दिया। अब इस फैसले से कट्टरपंथी इस्लामिक ग्रुप की नीतियों को लेकर जनता में विरोधाभास पैदा हो गया है। जिसके बाद अेमरिका समेत कई सहयोगी देशों ने तालिबान से कहा है कि वो लड़कियों के लिए स्कूल फिर से खोले।
इससे पहले समाचार एजेंसी एएफपी ने जब तालिबान के प्रवक्ता इनामुल्लाह समांगानी से इस बारे में पूछा कि क्या लड़कियों को स्कूलों से घर जाने का आदेश दिया गया है तो उन्होंने कहा, हां, यह सच है एएफपी की एक टीम जरघोना हाईस्कूल के पास वीडियो बना रही थी, तब एक शिक्षक ने सभी छात्राओं को घर जाने का आदेश दिया। तालिबान के प्रवक्ता समांगानी ने तत्काल स्कूलों को बंद करने का कारण नहीं बताया था। इस बीच शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता अजीज अहमद रायन ने कहा, हमें इस पर टिप्पणी करने की इजाजत नहीं है। वहीं, स्कूलों के बंद के आदेश के बाद बच्चियों के आंखों में आंसू था उन्हें रोता हुआ देखा गया।