पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सरपरस्ती में बनी अफगानिस्तान सरकार में लगभग सभी घोषित आतंकी है। इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिनके सिर पर करोड़ो डॉलर का ईनाम घोषित है। खूंखार आतंकियों के हाथ में अफगानिस्तान चले जाने से दुनिया भर में ड्रग्स और हथियारों की तस्करी और दहशतगर्दी बढ़ जाने की आशंका भी बढ़ गयी है। अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के जानकारों का कहना है कि अफगानिस्तान में थोपी गई अतंरिम सरकार में ऐसे आतंकवादी (मंत्री) शामिल हैं जिनके निशाने पर रूस, इंडिया, अमेरिका और फ्रांस जैसे देश हैं। इसीलिए अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के ऐलान के साथ ही दुनिया भर के देशों ने अपनी-अपनी खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को रेड अलर्ट पर रख दिया है।
सिराजुद्दीन हक्कानी
कुख्यात हक्कानी नेटवर्क का नेतृत्व करने वाले सिराजुद्दीन हक्कानी को अंतरिम गृह मंत्री बनाया गया है जबकि मुल्ला याकूब को अंतरिम रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी मिली है. मुल्ला याकूब के पिता मुल्ला मोहम्मद उमर ने तालिबान की स्थापना की थी। यहां ध्यान देने वाली बात है कि नई तालिबान सरकार में कम से कम पांच ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्हें यूएन यानी संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित कर रखा है। इसके अलावा, तालिबान ने अब उसी सिराजुद्दीन हक्कानी को अफगानिस्तान का नया गृहमंत्री बना दिया है, जो मोस्ट वांटेड आतंकवादी है, जिसके सिर पर अमेरिका ने इनाम घोषित कर रखा है।
मुल्ला हसन अखुंद
मुल्ला हसन अखुंद तालिबान की शक्तिशाली निर्णय लेने वाली संस्था रहबरी शूरा या नेतृत्व परिषद के लंबे समय से प्रमुख हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुल्ला हसन अखुंद तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखते हैं और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से हैं। उन्होंने 'रहबरी शूरा' के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंदजादा के करीब माने जाते हैं। उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था। वह तालिबान के जन्मस्थान कंधार का रहने वाला है।
सिराजुद्दीन हक्कानी का नाता पाकिस्तान के नॉर्थ वजीरिस्तान इलाके से है। खूंखार आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क को चलाने वाले सिराजुद्दीन हक्कानी के बारे में कहा जाता है कि वो नॉर्थ वजीरिस्तान के मिराम शाह इलाके में रहता है। हक्कानी नेटवर्क के इस शीर्ष आतंकवादी का नाम FBI की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में अभी भी शामिल है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आतंकियों से भरी इस सरकार को दुनिया कैसे मान्यता देगी।
हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख और सोवियत विरोधी क्षत्रप जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्रालय का कार्यभार मिला है। सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में हैं। अमेरिका ने उसके बारे में सूचना पर 50 लाख डॉलर (73 करोड़ 36 लाख और 65 हज़ार) का इनाम घोषित कर रखा है। हक्कानी नेटवर्क के इस शीर्ष आतंकवादी का नाम FBI की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में अभी भी शामिल है। सिराजुद्दीन हक्कानी के कारनामों की लिस्ट भी काफी बड़ी है।
मुल्ला बरादर तालिबान के संस्थापकों में से एक है। 1994 में तालिबान के गठन में वह भी शामिल था। 1996 से 2001 तक जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर राज किया, तब मुल्ला बरादर ने अहम भूमिका निभाई थी और रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था। बरादर को कभी मुल्ला उमर का करीबी माना जाता था। संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध नोटिस (यूएन सैंक्शन नोटिस) में कहा गया है कि तालिबान सरकार के पतन के बाद बरादर ने गठबंधन बलों पर हमलों के लिए जिम्मेदार एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर के रूप में कार्य किया।