तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तो उसने पूरी दुनिया के सामने आलाप रागा था कि वो अब पहले जैसा नहीं है और महिलाओं के हित में काम करेगा। उन्हें उनके अधिकार से वंचित नहीं रखेगा। लेकिन, असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ उलटा तालिबान ने महिलाओं पर क्रूरता करना शुर कर दिया। महिलाओं को चुश्त कपड़े पहने देश तालिबान के गोली मार देने के वीडियो वायर हुए। साथ ही बुर्का न पहनने पर, बिना किसी पुरुष साथी के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी, स्कूल नहीं जा सकती। साथ ही कई अन्य तरह की रोक लगा दी है। ऐसे में अब महिलाओं की जिंदगी यहां नर्क बनते जा रही है। अब तालिबान महिलाओं को जानवर बता रहा है।
दरअसल, तालिबान की धार्मिक पुलिस ने दक्षिणी अफगान शहर कंधार में पोस्टर लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम महिलाएं जो अपने शरीर को पूरी तरह से ढके हुए इस्लामी हिजाब नहीं पहनती हैं, वे जानवरों की तरह दिखने की कोशिश कर रही हैं। एक अधिकारी ने गुरुवार को पुष्टि की। तालिबान के आने के बाद से महिलाओं की जिंदगी फिर से नर्क बन गई है। मई में देश के सर्वोच्च नेता और तालिबान प्रमुख हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने एक फरमान को मंजूरी दी जिसमें कहा गया था कि महिलाओं को आम तौर पर घर पर रहना चाहिए। यह आदेश दिया गया कि अगर उन्हें सार्वजनिक रूप से बाहर जाने की जरूरत है, तो वे अपने चेहरे सहित खुद को पूरी तरह से ढक लें। इस हफ्ते तालिबान शासन की ओर से कंधार शहर में पोस्टर लगाए, जिसमें बुर्के की चित्र दिखाई दे रहे हैं।
ये पोस्टर्स कंधार में कैफे और दुकानों पर चिपकाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि छोटे, तंग और पारदर्शी कपड़े पहनना भी अखुंदजादा के फरमान के खिलाफ है। कंधार में मंत्रालय के प्रमुख अब्दुल रहमान तैयबी ने बताया कि, हमने ये पोस्टर लगाए हैं और जिन महिलाओं के चेहरे (सार्वजनिक रूप से) ढके नहीं हैं, हम उनके परिवारों को इसकी जानकारी देंगे और उचित कदम उठाएंगे। वहीं, अखुंदजादा का फरमान सरकारी नौकरी वालों को चेतावनी देता है। इसमें उन महिलाओं के पुरुष रिश्तेदारों को निलंबित करने का आदेश दिया है जो इसका पालन नहीं करती हैं।