अमेरिका (America) और रूस में तनाव की स्थिति बनी हुई है। ताइवान पर चीन (China) के हमले के बाद से अमेरिका फुल एक्शन में नज़र आ रहा है। चीन को धूल चाटने के लिए अमेरिका (America) पूरी तरह तैयार हो गया है। अमेरिका (America) ने रूस कके पोलैंड में अपना खतरनाक फाइटर जेट F-22 रैप्टर तैनात कर दिया है। अमेरिका ने नाटो की रक्षात्मक ताकत और रूस से पैदा होने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए एफ-22 रैप्टर विमानों की तैनाती की है। एफ-22 फाइटर जेट पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट हैं और रेडॉर की पकड़ में नहीं आते हैं।
ये रैप्टर विमान अब नाटो के पूर्वी मोर्चे पर रूस के पास तैनात रहेंगे। पोलैंड के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री ने एक ट्वीट करके जानकारी दी कि अमेरिकी वायुसेना के एफ-22 रैप्टर विमान पोलैंड की वायुसेना की मदद के लिए पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि यह नाटो सहयोगियों की सामूहिक रक्षा क्षमता को पूर्वी मोर्चे पर बढ़ाएगा। पोलैंड के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के एफ-22 रैप्टर फाइटर जेट पोलैंड पहुंच गए हैं। ये दुनिया के सबसे आधुनिक फाइटर जेट हैं जो पोलैंड के पायलट के साथ मिलकर पूर्वी मोर्चे को सहयोग देंगे।
ऐसा पहली बार नहीं है जब ये एफ-22 फाइटर जेट पोलैंड पहुंचा है
अमेरिकी वायुसेना की यूरोप और अफ्रीका कमान ने जोर देकर कहा कि एफ-22 रैप्टर फाइटर जेट को पोलैंड भेजा गया है जो रोटेशनल मिशन का हिस्सा है। ये एफ-22 विमान अमेरिका के वर्जीनिया एयरबेस पर तैनात रहते हैं। ये अब एफ-15 फाइटर जेट की जगह लेंगे। अमेरिकी वायुसेना ने कहा कि पोलैंड का यह हवाई बेस सहयोगियों और पार्टनरों को जरूरी सुविधा मुहैया कराता है। ऐसा पहली बार नहीं है जब ये एफ-22 फाइटर जेट पोलैंड पहुंचा है। अगस्त 2022 में भी 12 एफ-22 रैप्टर विमान पोलैंड पहुंचे थे।
अमेरिका ने एफ-22 फाइटर जेट का निर्माण साल 1980 और 1990 के दशक में किया था ताकि वे एफ-15 फाइटर जेट की जगह ले सकें। इसे दुनिया के पहले पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के रूप में डिजाइन किया गया था। यह फाइटर जेट रेडॉर की पकड़ में नहीं आता है। अमेरिका शुरू में 750 एफ-22 फाइटर जेट बनाना चाहता था लेकिन वित्तीय संकट की वजह से केवल 187 फाइटर जेट का ही निर्माण किया गया। इस विमान से टक्कर लेने के लिए रूस और चीन दोनों ने ही अपना पांचवीं पीढ़ी का विमान विकसित किया है।
यह भी पढ़ें: America के खिलाफ पुतिन की नई साज़िश! रूस,भारत और चीन का चाहता है गठबंधन, क्या होगा India का क़दम?