अफगानिस्तान में बीते साल अमेरिका सेना के वहां से हटने के बाद तालिबान राज की वापसी हुई। तालिबान ने शांति और अंहिसा का दामन थामे रहने का वादा अमेरिका से किया था, जो उसने अभी तक नही निभाया है। हद तो तब हो गई जब तालिबान ने अमेरिका नौसेना के एक रिटायर्ड अधिकारी को बंधक बना लिया। इस खबर को सुन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आग बबूला हो गए है और पहली बार तालिबान को कड़ी चेतावनी दी। अमेरिकी नौसेना के एक रिटायर्ड अधिकारी मार्क फ्रेरिच के बंधक बनाए रखने पर बाइडन ने कहा कि ऐसा कर तालिबान हमसे दुश्मनी बनाए रख रहा है।
आपको बता दें कि तालिबान राज की वापसी के साथ ही अमेरिका ने अफगानिस्तान के धन को जब्त कर लिया था। तालिबान लगातार इस धन को जारी करने की अपील करता आ रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि तालिबान इन कैदियों की रिहाई के बदले में अमेरिका से धन जारी करने का सौदा करना चाहता है। हालांकि बाइडन ने अपने बयान में इसका जिक्र नहीं किया है और अमेरिकी हितों और लोगों से खिलवाड़ नहीं करने की अपील तालिबान की अंतरिम सरकार से की है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने बयान में कहा कि दो साल पहले अमेरिकी नौसेना के दिग्गज मार्क फ्रेरिच को अफगानिस्तान में बंधक बना लिया गया था।
बाइडन ने सख्त लहजे में तालिबान को चेतावनी दी है कि अमेरिकी या किसी भी निर्दोष नागरिक की सुरक्षा को धमकाना अस्वीकार्य है और बंधक बनाना क्रूरता और कायरता का काम है। बाइडेन ने कहा कि तालिबान को तुरंत मार्क को रिहा कर देना चाहिए। इसके बाद ही तालिबान को किसी किस्म की मान्यता या ढिलाई की उम्मीद करनी चाहिए। किसी को बंधक बनाना समझौते लायक मसला नहीं है। गौरतलब है कि बीते दो दशकों से अफगानिस्तान की नागरिक सरकार को अमेरिका समेत कई देशों से भारी मात्रा में पैसा दिया जाता रहा है। अब तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने अपने देश के बैंकों में जमा अफगानिस्तान सरकार के सभी फंड को प्रतिबंधित कर दिया है। इससे तालिबान के समक्ष गंभीर आर्थिक संकट उठ खड़ा हुआ है। हालांकि तमाम देश अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के जरिये आम अफगानियों की मदद कर रहे हैं।