Us Supports India Over Tawang Clash: चीन ने एक बार फिर से भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की है। इस बार ड्रैगन पूर्वी सेक्टर स्थित अरुणाचल प्रदेश के तवांग (India-China In Tawang) में दाखिल होने की कोशिशें की तो भारतीय जवानों ने उन्हें सीमा से बाहर खदेड़ दिया। इस मामले पर चीन झूठ बोल रहा है। चीन का कहना है कि, भारतीय जवान चीन की सीमा में आये थे। लेकिन, असल में चीनी सेना भारतीय सीमा में घुस आये थे। भारत को अब इसपर अमेरिका (Us Supports India Over Tawang Clash) का साथ मिला है। अमेरिका ने ड्रैगन को चेतावनी देते हुए भारत के सैनिकों की तारीफ भी की है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की तरफ से टकराव पर अहम प्रतिक्रिया दी गई है। पेंटागन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को अहम साथी बताया है। पेंटागन की तरफ से कहा गया है कि यह चीन की आदत में शुमार हो गया है कि वह अमेरिकी साथियों (Us Supports India Over Tawang Clash) के प्रति आक्रामकता की नीति अपना रहा है। व्हाइट हाउस की तरफ से इस बात पर खुशी जताई है कि चीनी सैनिकों को जल्द समझ आ गई है और वो पीछे हट गए।
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अमेरिका ने कहा, चीन को बहुत जल्द समझ आ गया
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को चीन के करीब 300 सैनिक दाखिल हो गए थे। भारतीय सैनिकों ने बड़ी बहादुरी से दुश्मन को उसकी सीमा में धकेल दिया। पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने एक सवाल के जवाब में मंगलवार को जो कुछ कहा वह चीन के लिए एक बड़े झटके के साथ ही आईना दिखाने जैसा है। उन्होंने कहा कि, तवांग में जो कुछ हुआ वह चीन की उसी आदत का प्रदर्शन है जिसके तहत वह अमेरिका के साथियों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके साथियों के लिए आक्रामक होने की प्रवृत्ति को रखता है। भारत इस दिशा में जो कुछ कर रहा है और स्थिति को जिस तरह से संभाल रहा है, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है।
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भारत के साथ खड़ा है अमेरिका
इसके साथ ही पेंटागन से अलग विदेश विभाग की तरफ से भी इस पूरे घटनाक्रम पर बड़ा बयान दिया गया है। विदेश विभाग से सवाल किया गया था कि चीन ने एलएसी कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर हुए भारत-अमेरिका युद्धभ्यास की आलोचना की है। ऐसे में क्या विदेश विभाग को इस बारे में बताया गया है क्योंकि तवांग एक संवेदनशील इलाका है? इस पर विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि, निश्चित तौर पर भारत, अमेरिका का अहम साझीदार है और हम इस स्थिति पर अपने दूतावास और विदेश विभाग के जरिए भारत के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, अगर चीन ने किसी भी तरह से एकपक्षीय तरीके से एलएसी की स्थिति बदलने की कोशिश की या फिर सैन्य या असैन्य तरीके से घुसपैठ करके स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश की तो अमेरिका उसका विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को द्विपक्षीय वार्ता के जरिए विवादित सीमाओं के मसले को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।
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