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ताइवान पर हमले से पहले China को कई बार सोचना होगा! अमेरिका ने हासिल बनाई ड्रैगन को ध्वस्त करने वाली Missile

अमेरिका ने किया नई Hypersonic Missile का सफल परीक्षण

अमेरिका ने लॉकहीड मार्टिन कॉर्प हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन की ओर से बनाए गए इस हाइपरसोनिक मिसाइल का इससे पहले दूसरी बार सफल परीक्षण किया गया था। सबसे बड़ी बात यह कि ये मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से 5 गुना तेज उड़ान भरने में सक्षम है। अमेरिका ने इस हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण ऐसे समय में किया है जह रूस और यूक्रेन की बीच जंग जारी है। अमेरिका को डर है कि रूस परमाणु हमले जैसा कदम भी उठा सकता है। जिसके चलते US खुफिया एजेंसियां 24 घंटे रूसी परमाणु शस्त्रगारों की निगरानी कर रही हैं। अमेरिका के लिए यह बड़ी उपलब्धी है।

आवाज से पांच गुना तेज उड़ने में सक्षम

रूस और चीन भी हाइपरसोनिक हथियारों को विकसित करने में तेजी से काम कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिका के लिए ये बड़ी चिंता की बात थी। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, अमेरिकी वायु सेना ने मंगलवार को कैलिफोर्निया तट से अपने एयर-लॉन्च रैपिड रिस्पांस वेपन (ARRW) बूस्टर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। अमेरिका की ये हाइपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से 5 गुना यानी की लगभग 6,200 किमी (3,853 मील) प्रति घंटे की गति से उड़ सकती है।

लगातार हाइपरसोनिक हथियारों का परिक्षण कर रहा अमेरिका

अमेरिका की डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) ने हाल ही में इसी तरह एक और हाइपरसोनिक हथियार को परीक्षण किया था। लॉकहीड मार्टिन कॉर्प हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद अमेरिका अपनी सुपर पावर वाली जगह फिर से कामय करने में कामयाब हुआ है। क्योंकि, रूस और चीन के आगे बढ़ने से अमेरिका महाशक्तिशाली हथियारों की दौड़ से पिछड़ रहा था। ऐसे में चीन के लिए यह किसी बड़ी टेंशन से कम नहीं है। क्योंकि, चीन इन दिनों ताइवान पर कब्जा को लेकर अपनी रणनीति तेज कर दिया है। जिसपर अमेरिका का कहना है कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो उसकी रक्षा वो करेगा। इसी को लेकर दोनों देशों के बीच काफी समय से तरकरार तेज हैं। लेकिन, अमेरिका द्वारा किए गए इस हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद अब चीन को काबू करने में पहले से आसान होगा।

दुश्मन के एयर डिफेंस को चकमा देकर सटीक निशाना लगा सकती है ये मिसाइल

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद और चीन की बढ़ते कदम के बीच अमेरिका लगातार हाइपरसोनिक मिसाइलों पर काम कर रहा है। इससे पहले भी वो कई बार हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण कर चुका है। यह दुश्मन देशों के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में माहिर हैं। ये हाइपरसोनिक मिसाइल एक ग्राउंड-लॉन्च सिस्टम है जो दुश्मन के आधुनिक हवाई सुरक्षा क्षेत्र में घुसकर तेजी से और सटीक निशाना लगा सकता है। DARPA ने वित्तीय वर्ष 2022 में OpFires के लिए $45 मिलियन का अनुरोध किया था।

इतने तरह की होती हैं हाइपरसोनिक मिसाइलें

बता दें कि, तीन तरह की गैर-आईसीबीएम हाइपरसोनिक मिसाइलें होती हैं, जिनमें एयरो बैलिस्टिक, ग्लाइड व्हीकल और क्रूज मिसाइल शामिल हैं। हाइपरसोनिक एयरो बैलिस्टिक प्रणाली को विमान से गिराया जाता है, जो रॉकेट का इस्तेमाल कर हाइपरसोनिक गति प्राप्त करती है और फिर अपने बैलिस्टिक गुणों का अनुकरण करती है, जिसका मतलब है कि बिना ऊर्जा के रास्ता तय करती है। यूक्रेन के किंझाल में हमले के लिए रूसी बलों ने जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया था, वह एयरो बैलिस्टिक मिसाइल थी।