America warns to Zelensky: रूस को यूक्रेन (Russia Ukraine War) पर हमला बोले अब 9 महीने होने जा रहे हैं और इतने दिनों में यूक्रेन के शहर खंडहर बन गये हैं। लेकिन, जेलेंस्की अब भी जंग जारी रखना चाहते हैं। अब तो हाल यह है कि, यूक्रेन को मदद करते-करते पश्चिमी देशों का भी खजाना खाली हो रहा है। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी कि, यूक्रेन को मदद करते-करते पश्चिमी देशों का सैन्य जखिरा खाली हो रहा है। दरअसल, रूस से जंग लड़ने के लिए पहले तो अमेरिका और पश्चिमी देशों ने कड़े प्रतिबंध लगाया। जब इससे भी रूस को असर नहीं हुआ तो वो यूक्रेन को हथियार, गोला, बारूद, मिसाइल, जेट, टैंक, ड्रोन आदि सप्लाई करने लगे साथ ही आर्थिक सहायता भी दिया गया। अब हाल यह है कि, अमरेकि भा यूक्रेन के सर से हाथ हटाता नजर आ रहा है। क्योंकि, अमेरिका का कहना है कि, जेलेंस्की शांति (America warns to Zelensky) के लिए पुतिन से जाकर बात करें। लेकिन, अमेरिका की इन बातों को जेलेंस्की (America warns to Zelensky) ने नजरअंदाज करते हुए कहा है कि वो ऐसा कभी नहीं करेंगे। यानी कि जेलेंस्की अमेरिका से ही बगावत पर उतर आये हैं। वैसे जेलेंस्की की इसी अकड़ के चलते आज यूक्रेन जंग का मैदान बना हुआ है और इसका खामियाजा न सिर्फ यूक्रेन के लोग बल्कि पूरी दुनिया भुगत रही है।
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अमेरिका से दुश्मनी मोल रहे जेलेंस्की!
क्यूबा मिसाइल संकट के बाद इस सबसे बड़े खतरे से अमेरिका अब टेंशन में आ गया है और यूक्रेन की सरकार को चेतावनी दी है कि वे रूस (US warns to Zelensky) के साथ बातचीत के लिए खुद को तैयार करें। अमेरिका ने कहा कि हमारे सहयोगी ‘यूक्रेन की थकावट’ के चपेट में आ सकते हैं। दरअसल, पश्चिमी देशों को उम्मीद थी कि रूस प्रतिबंधों की मार से झुक जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यही वजह है कि अमेरिका ने जेलेंस्की की सरकार से साफ कह दिया है कि वह रूस के साथ बातचीत करे। उधर, जेलेंस्की ने कहा है कि वह तभी रूस से बातचीत करेंगे जब रूसी सेना यूक्रेन के सभी इलाकों से पीछे हट जाएं। साथ जिन लोगों ने अपराध किया है, उनके खिलाफ मुकदमा चले। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि वह पुतिन के साथ बातचीत नहीं करेंगे। ऐसे में अब पुतिन साफ तौर पर अमेरिका से बगावत कर रहे हैं। वो उस अमेरिका से बगावत कर रहे हैं जिसने इस जंग के लिए करीब 19 अरब डॉलर की सैन्य और अन्य तरह से मदद दी है।
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भारत से अमेरिका को काफी उम्मीद
वहीं, इन सबके बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त रूस दौरे पर हैं, जिसपर पूरी दुनिया की नजर है। अब पश्चिमी विशेषज्ञ और मीडिया भी कहने लगे हैं कि, भारत इस जंग को रोकने और युद्धरत दोनों ही दोस्त देशों के बीच समझौता कराने में अहम भूमिका निभा सकता है। अमेरिका मीडिया का कहना है कि, भारत ने पिछले 9 महीने की लड़ाई के कई जटिल मौकों पर अहम योगदान दिया है। इसमें यूक्रेन के साथ अनाज आपूर्ति समझौता और परमाणु बिजली घर जापारिझझिआ पर हमले के खतरे को कम करना शामिल है। इस वक्त दुनिया यह मानने लगी है कि, इस जंग को खत्म करने में भारत अहम भूमिका निभा सकता है।
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