अंतर्राष्ट्रीय

दुनिया में मचेगी तबाही! इस देश में तैनात होगा America का F-35 Fighter Jet, जानें विनाशकारी ताकत

रूस से साथ जारी तनाव को देखते हुए अमेरिका (America) ने परमाणु बम गिराने में सक्षम एफ-35 (F-35) विमानों की दो स्क्वाड्रन को ब्रिटेन में तैनात करने का ऐलान किया है। इन विमानों को जल्द ही सफोल्क में अमेरिकी बेस आरएएफ लैकेनहीथ पर तैनात किया जाएगा। आरएएफ लैकेनहीथ बेस को अमेरिका (America) ने ब्रिटेन से किराए पर लिया है। एफ-35 दुनिया का सबसे अडवांस लड़ाकू विमान है, जो स्टील्थ तकनीक से लैस है। यह वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग की काबिलियत भी रखता है। इसे खास तौर पर रणनीतिक परमाणु बमबारी के लिए डिजाइन किया गया है। यह हवा से हवा में दुश्मन के विमानों को मार गिराने के अलावा खुफिया जानकारी जुटाने में भी सक्षम है।

अमेरिकी वायु सेना के बजट अनुरोध से हुआ खुलासा

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, हाल में ही कुछ दस्तावेजों से पता चला है कि अमेरिकी (America) कांग्रेस को वायु सेना से आरएएफ लैकेनहीथ बेस पर श्यूरिटी डॉरमेट्री बनाने के लिए 50 मिलियन डॉलर का बजट अनुरोध प्राप्त हुआ है। श्यूरिटी शब्द का इस्तेमाल अमेरिकी सैन्य भाषा में परमाणु हथियारों के संदर्भ में किया जाता है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि बेस पर वर्तमान में काम करने वाले 6,000 कर्मियों को मजबूत करने के लिए परमाणु हथियार तैनात किए जाते हैं तो डॉरमेट्री में सैन्य कर्मियों की बढ़ी हुई संख्या को रखा जाएगा।

एफ-15 की जगह लेगा एफ-35

एक रक्षा सूत्र ने द टेलीग्राफ को बताया कि F-35 लड़ाकू विमान वहां तैनात होंगे। उन्होंने तैनाती को मंजूरी दे दी है। इस साल के अंत में या 2024 में ये विमान ब्रिटेन पहुंच जाएंगे। सैन्य सूत्रों ने 54 एफ-35 को ब्रिटेन में तैनात करने के कदम को महत्वपूर्ण बताया। इस एयरबेस पर वर्तमान में एफ-15 विमान तैनात हैं। एफ-15 भी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं, लेकिन ये एफ-35 की तुलना में कम उन्नत हैं। सूत्र ने बताया कि नया विमान अधिक सक्षम है। एफ-35 लंबी दूरी तक गुपचुप तरीके से उड़ान भर सकता है। यह काफी महत्वपूर्ण है अगर आप परमाणु बमों को सटीक रूप से गिराने के लिए उनका उपयोग करने जा रहे हैं।

नए शीत युद्ध में प्रवेश कर गया यूरोप?

2008 तक आरएएफ लैकेनहीथ एयरबेस पर कुल 110 अमेरिकी परमाणु बम को स्टोर कर रखा गया था। हालांकि, परमाणु युद्ध का खतरा कम होने के बाद उन्हें हटा दिया गया था। अब नई तैनाती पर ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। हालांकि, रक्षा सूत्र न बताया है कि अमेरिका के साथ हमारे विशेष संबंध इसलिए हैं क्योंकि हम उनसे बात करते हैं, वे हमसे बात करते हैं और हम रहस्यों का खुलासा नहीं करते हैं। ब्रिटिश धरती पर अमेरिकी परमाणु हथियारों की संभावित वापसी को विशेषज्ञों ने इस बात का सबूत बताया है कि पश्चिम एक नए शीत युद्ध में प्रवेश कर चुका है।

यह भी पढ़ें: SU 35 Vs F-16: कौन है ज़्यादा शक्तिशाली? दोनी की भिड़ंत में जीतेगा कौन? पायलट ने किया खुलासा

आईएन ब्यूरो

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