अमेरिका ने उत्तर कोरिया के ख़िलाफ ताजा शक्ति प्रदर्शन किया है। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक लंबी दूरी के बी-52 बमवर्षकों ने प्रायद्वीप पर अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई लड़ाकू विमानों ने संयुक्त हवाई अभ्यास किया है।
वहीं, दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बी-52 बमवर्षकों की तैनाती से प्रायद्वीप में अमेरिकी रणनीतिक दृश्यता बढ गई है।
वहीं एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक उत्तर कोरिया की ओर से उसकी राजधानी में बड़े पैमाने पर अमेरिका विरोधी रैलियां निकाली गई ,जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने उत्तर कोरिया के खिलाफ शुक्रवार को कोरियाई प्रायद्वीप पर अपने नवीनतम शक्ति प्रदर्शन में परमाणु-सक्षम बमवर्षक विमान उड़ाए।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक लंबी दूरी के बी-52 बमवर्षकों ने कोरियाई प्रायद्वीप पर अमेरिका और दक्षिण कोरियाई लड़ाकू विमानों ने संयुक्त हवाई अभ्यास किया। बमवर्षकों का फ्लाईओवर उत्तर कोरिया द्वारा उसके परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करने के प्रयास का जवाब है।
बता दें कि दो हफ्ते पहले, अमेरिका ने पिछले छह साल में पहली बार दक्षिण कोरियाई जलक्षेत्र में करीब 150 टॉमहॉक मिसाइलों के परिवहन के लिए सक्षम परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी तैनात की थी।
दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बी-52 बमवर्षकों की तैनाती से प्रायद्वीप में अमेरिकी रणनीतिक संपत्तियों की दृश्यता बढ़ गई है। इसमें कहा गया है कि सहयोगी संयुक्त रक्षा मुद्रा को मजबूत करने के लिए अपने दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन कर रहे हैं और अमेरिकी रणनीतिक बमवर्षकों को शामिल करते हुए संयुक्त अभ्यास जारी रखेंगे।
कोरियाई युद्ध की 73वीं वर्षगांठ के मौके पर रविवार को 120,000 से अधिक उत्तर कोरियाई लोगों ने प्योंगयांग में सामूहिक रैली निकाली। रैली के दौरान,वहां के निवासियों ने अमेरिका पर उत्तर कोरिया पर आक्रमण की साजिश रचने का आरोप लगाया। और युद्ध पर संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ बदला लेने की कसमें खाई।
कोरियाई युद्ध शांति संधि के बजाय युद्धविराम के साथ समाप्त हुआ। उत्तर कोरिया की आक्रामकता से निपटने के लिए अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में तक़रीबन 28,000 सैनिक तैनात किए हैं।
कोरियाई प्रायद्वीप में ‘अमेरिकी रणनीतिक संपत्तियों की नियमित दृश्यता’ बढ़ाना और अप्रैल में वाशिंगटन में अपने शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति जो बिडेन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल के बीच हुए समझौतों का हिस्सा था। बिडेन ने उस समय कहा था कि “अमेरिका या उसके सहयोगियों पर जो भी शासन इस तरह की कार्रवाई करेगा उसका अंत हो जाएगा”।