China and Pakistan: चीन और पाकिस्तान की हर चाल भारत के खिलाफ होती है। दोनों सिर्फ इसलिए साथ हैं ताकि भारत में अशांति फैला सकें। वरना आपको लगता है कि, चीन और पाकिस्तान (China and Pakistan) का कोई मेल है। वो चीन जो अपने सभी पड़ोसी देशों की जमीने हड़पने पर लगा हुआ है वो पाकिस्तान में ही इतनी दिलचस्पी क्यों दिखा रहा है। सिर्फ इसलिए क्योंकि, भारत के खिलाफ उसका साथ देने में पाकिस्तान कोई कसर नहीं छोड़ेगा। चीन आने वाले दिनों में पाकिस्तान (China and Pakistan) की गर्दन यानी की उसके अर्थव्यवस्था की चाभी अपने हाथों में ले लेगा। ड्रैगन वहां पर CPEC प्रजेक्ट और BRI के तहत विकास का झांसा देकर काम कर रहा था। लेकिन, अब ड्रैगन CPEC प्रजोक्ट को बीच में ही छोड़कर पाकिस्तान में तीन नए गलियारा प्रेजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है।
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CPEC को बीच में छोड़ चीन की पाकिस्तान को तबाह करने की नई चाल
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में चीन अरबों डॉलर लगा चुका है। अब इसे बीच में ही छोड़कर तीन नई गलियारा परियोजनाओं को संयुक्त रूप से शुरू करने का निर्णय लिया है। खबर के मुताबिक, दोनों देश कृषि, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा की शुरुआत मई 2013 में की गई थी। इस गलियारे का उद्देश्य पाकिस्तान के ग्वादर से चीन के उत्तर-पश्चिमी स्वायत्त क्षेत्र शिंजियांग तक रेलवे और हाईवे के जरिए तेल, गैस और दूसरे सामानों को कम समय में पहुंचाना है। सीपीईसी गलियारा ग्वादर से काशगर तक लगभग 2442 किलोमीटर लंबा है।
इनपर शुरू करेगा चीन काम
न्यू इंटरनेशनल अखबार की खबर के मुताबिक, बीजिंग में ‘चीन इकोनॉमिक नेट’ (सीईएन) को संबोधित करते हुए चीन में पाकिस्तान के राजदूत मोइनुल हक ने कहा कि तीन नई परियोजनाओं में चीन-पाकिस्तान हरित गलियारा (सीपीजीसी), चीन-पाकिस्तान स्वास्थ्य गलियारा (सीपीएचसी) और चीन-पाकिस्तान डिजिटल गलियारा (सीपीडीसी) शामिल हैं। इसके मुताबिक, पहली परियोजना के तहत कृषि पर्यावरण, खाद्य सुरक्षा और हरित विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और दूसरी परियोजना के जरिये पाकिस्तान को चिकित्सा क्षेत्र में दक्षता हासिल करने में मदद मिलेगी जबकि तीसरी परियोजना के बल पर पाकिस्तान के आईटी उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।
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अगले महीने शुरू हो सकता है काम
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरबाज शरीफ अगले महीने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंह के बुलावा पर चीन यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि, इसी दौरान परियोजनाओं की औपचारिक रूस से शुरुआत हो सकती है। इस दौरान तीनों गलियारों को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर भी होने की उम्मीद है। 2013 में शुरू हुआ सीपीईसी भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में नए गलियारों के भविष्य पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यह भी आशंका जताई जा रही है पाकिस्तान पहले से ही चीन के कर्ज जाल में फंस चुका है, उसके ऊपर इतना ज्यादा लोन है कि वो अगले कई सालों तक चीन को लौटा नहीं सकता। ऐसे में नया प्रोजेक्ट पाकिस्तान को तबाह करने वाली है।
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