Ukraine-Russia जंग से सबसे ज्यादा भारत ने सिखा, आने वाले दिनों में PM Modi को सलाम करेगी पूरी दुनिया! देखें अमेरिका की रिपोर्ट

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भारत ने अपने डिफेंस को इतना मजबूत कर दिया है कि आज पड़ोसी देशों के सात ही दुनिया का कोई भी देश आंख उठाकर एक बार देखने से पहले सोचता जरूर है। भारतीय सेनाओं के पराक्रम से दुनिया भली-भाती वाकिफ है और पाकिस्तान तो अच्छे से जानती है कि इंडियन फोर्स कितनी ताकतवर है। भारतीय जवानों के ताकत का अंदजा ड्रैगन को भी गलवान वैली में हुए खुनी संघर्ष के बाद हो गया। भारत को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जो सपना देखा था उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सही कर रहे हैं। आज दुनिया का हर देश भारत से हाथ मिलाना चाहता है। हर देश भारत संग व्यापर करना चाहता है। यहां तक कि, जब भी दुनिया में बड़ी घटना होती है तो लोग भारत के स्टैंड और एक्शन का इंतजार करते हैं। अमेरिका हो या फिर ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, जापान, रूस हर एक देश पीएम मोदी को बड़े ही इज्जत से अपने यहां किसी समारोह में शामिल होने का न्योता देता है। इसके साथ ही बड़े से बड़े फैसलों में दुनिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी चर्चा करती है। अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में एक दावा किया है कि, आने वाले दिनों में भारत की ताकत इतनी बढ़ जाएगी कि उससे मुकाबला करना तो दूर उसे छूना भी मुश्किल हो जाएगा।</p>
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अमेरिकी संस्था अलाइड मार्केट रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि, परमाणु मिसाइलों और बमों का अंतरराष्ट्रीय बाजार 2030 तक 73 प्रतिशत बढ़ सकता है। भारत अपने परमाउं आयुध भंडार को बढ़ाएगा, इसके साथ ही पाकिस्तान और चीन भी अपने परमाणु आयुध भंडार को बढ़ाएंगे, जिससे यह वृद्धि तेज हो सकती है। इस वजह से बाजार का आकार 12,600 करोड़ डॉलर के पार जा सकता है। यह दावे अमेरिकी संस्था अलाइड मार्केट रिसर्च की रिपोर्ट में सोमवार को किए गए। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जारी रिपोर्ट के अनुसार 2020 में इस बाजार का आकार 7,300 करोड़ डॉलर था। कोविड के दौरान पूरे रक्षा क्षेत्र पर असर हुआ और मंदी आई। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। उत्तरी अमेरिकी देश 2020 में आधे बाजार की खरीद करते थे। यहां भी अब बदलाव होंगे और भारत, पाकिस्तान व चीन प्रमुख खरीदार बन सकते हैं। उन्हें अपने परमाणु आयुध भंडार में वृद्धि की जरूरत महसूस होने लगी है।</p>
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वैश्विक टकरावों की वजह से 2030 तक सालाना रक्षा बजट में 5.4 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बीते सप्ताह ही रिकॉर्ड शांतिकालीन राष्ट्रीय रक्षा बजट की मांग अमेरिका में की थी। इसका लक्ष्य भी परमाणु मिसाइलों, सबमरीन, बॉम्बर विमानों आदि का आधुनिकीकरण है। अनुमान हैं कि ज्यादातर खरीद छोटी मिसाइलों की होगी जो परमाणु बम ले जाने की क्षमता से युक्त हों। इन्हें विमान से लेकर जमीन से भी प्रक्षेपित किया जा सकता है। इससे पहले 2020 तक हो रही खरीद में सबमरीन से दागी जा सकने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों का हिस्सा 25 प्रतिशत था।</p>
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आईएन ब्यूरो

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