हांगकांग में प्राइमरी स्कूल टीचरों पर आजादी के बारे में बात करने पर प्रतिबंध

हांगकांग में प्राइमरी स्कूल के एक टीचर को अपनी क्लास में आजादी समर्थक सामग्री का उपयोग करना,अभिव्यक्ति की आजादी और स्वतंत्रता के विचार के बारे में छात्रों को बताना बहुत भारी पड़ गया। इस अपराध के लिये हांगकांग के शिक्षा ब्यूरो ने उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है।

हांगकांग के शिक्षा ब्यूरो ने कहा कि हांगकांग की आजादी के बारे में कोई भी संदेश फैलाना सामान्य कानून और संविधान का उल्लंघन है। हांगकांग के शिक्षा ब्यूरो ने छात्रों के कथित हितों को सुरक्षित करने और अध्यापकों के पेशेवर रवैये पर जनता के भरोसे को कायम रखने के लिए उस अध्यापक के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने का फैसला लिया है।

इस घटना की जानकारी द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित हुई है। स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि टीचर ने कक्षा में एक आजादी समर्थक कार्यकर्ता का वीडियो दिखाया और उसके बाद छात्रों से कई सवाल पूछे। जिनमें अभिव्यक्ति की आजादी और वीडियो के अनुसार हांगकांग की आजादी की वकालत करने के क्या कारण हैं, जैसे सवाल शामिल थे।

हांगकांग के शिक्षा ब्यूरो ने कहा कि कई अध्यापकों को इस घटना के बाद चेतावनी दी गई है और जो भी अध्यापक ऐसा कर रहे हैं, उनकी खोजबीन जारी है। जिससे कि वे शैक्षिक गतिविधियों में कोई सरकार विरोधी कार्य न कर सकें। जुलाई 2019 में हांगकांग में बड़े पैमाने पर आजादी समर्थक प्रदर्शन शुरू होने से लेकर इस साल अगस्त तक शिक्षा ब्यूरो ने 247 शिकायतें दर्ज की हैं। जिनमें अध्यापकों के सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने की शिकायतें मिली हैं। अब तक 204 जांचें पूरी की गई हैं और 33 अध्यापकों को चेतावनी पत्र भेजे गए हैं।

हांगकांग के शिक्षा ब्यूरो ने साफ कहा है कि अगर शिक्षकों के प्रति गंभीर शिकायतें मिलीं तो उनका पंजीकरण रद्द करने में कोई देरी नहीं की जाएगी। हांगकांग में 2019 से आजादी समर्थक प्रदर्शन चल रहे हैं। जो कि 3 महीने पहले बीजिंग द्वारा थोपे गए नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अनुसार गैरकानूनी हैं। इस कानून के विरोध में हांगकांग में भारी प्रदर्शन हुए हैं और दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया है। जिसका स्कूलों और शिक्षा जगत पर भी काफी असर पड़ा है।

इन विरोध प्रदर्शनों को दबाने की अगुवाई कर रही हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लैम ने शिक्षकों के बीच इस तरह के शिकायतें पाए जाने को बहुत गंभीर मामला बताया है। लेकिन उन्होंने कहा है कि शिक्षकों का एक बहुत छोटा सा हिस्सा इस तरह की गतिविधियों में संलग्न है और देश के बारे में गलत संदेश फैला रहा है।.

डॉ. शफी अयूब खान

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