Russia Belarus Army Together: पश्चिमी देशों के चक्कर में फंस कर यूक्रेन बुरी तरह से रो रहा है। जेलेंस्की ने नई तबाही का आकलन नहीं किया था। खासकर क्रीमिया के पुल पर हमला करने के बाद यूक्रेन को अंदाजा नहीं था कि उसके साथ अब क्या होने वाला है। जेलेंस्की को लगा था कि वो क्रीमिया पुल पर ब्लास्ट कर रूस की कमर तोड़ देंगे, लेकिन इस वक्त आलम यह है कि जेलेंस्की के पास ज्यादा ऑप्शन नहीं बचा है और यूक्रेन अंधेरे में डूबता जा रहा है। रूस राजधानी कीव में लगातार मिसाइल हमले कर रहा है। जिसमें मुख्य बिजली संयंत्र पर मिसाइल गिरने के चलते काम करना बंद कर दिया है और यूक्रेन में अंधेरा छाया हुआ है। यूक्रेन के लिए अब ये जंग और भी ज्यादा मुसिबत बनती जा रही है क्योंकि, अब इसमें एक और देश की एंट्री हो गई है। इस जंग में अब बेलारूस (Russia Belarus Army Together) भी शामिल हो गया है जो जेलेंस्की संग पश्चिमी देशों के लिए बड़ा झटका है। रूस ने अपने इस पड़ोसी देश बेलारूस (Russia Belarus Army Together)में 9000 सैनिकों की तैनाती करने जा रहा है।
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बेलारूस में तैनात होंगे 9 हजार रूसी सैनिक
बेलारूस रक्षा मंत्रालय के इस दावे ने यूक्रेन में जंग के तेज होने का खतरा बढ़ा दिया है। हालांकि क्रेमलिन ने इसे ‘रक्षात्मक अभियान’ करार दिया है लेकिन युद्ध पर करीब से नजर रखने वालों का मानना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेलारूस को इस लड़ाई में शामिल करना चाहते हैं। बेलारूस एक ऐसा देश है जिसकी सीमाएं यूक्रेन और रूस दोनों के साथ मिलती हैं। जंग की शुरुआत से ही वह रूस का समर्थन कर रहा है और पश्चिमी देशों की धमकियों को नजरअंदाज करता रहा है। डेलीमेल की खबर के अनुसार रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मार्च के बाद से पहली बार सैनिकों को बेलारूस भेजने का फैसला, ‘हमारी सीमा से लगे क्षेत्रों में चल रही गतिविधियों’ के चलते लिया गया है।
क्रीमिया पुल पर हमले का खामियाजा भुगत रहे जेलेंस्की
यह खबर ऐसे समय में आई है जब रूस ने परमाणु हमले की चेतावनी दी है। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको पुतिन के करीबी हैं। लुकाशेंको के मुताबिक बेलारूस और रूस अपने सैनिकों को एकजुट कर रहे हैं और एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं। क्रीमिया पुल पर हमले के बाद रूस ने यूक्रेन पर हो रहे हमलों में इजाफा कर दिया है।
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कीव के लिए सबसे बड़ा खतरा है बेलारूस
सबसे बड़ी बात यह है कि यूक्रेन की राजधानी कीव से बेलारूस की सीमा सिर्फ 225 किमी दूर है। ऐसे में यह यूक्रेन के लिए अब सबसे बड़ा खतरा बन गया है। शनिवार को ही रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, वह बेलारूस के Su-25 लड़ाकू विमानों को परमाणु मिसाइल ले जाने की क्षमता से लैस करेगा। करीब 60,000 की सेना वाला बेलारूस देश एक ‘गैर परमाणु’ शक्ति संपन्न देश है।
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