अंतर्राष्ट्रीय

यूक्रेन जंग के बीच तैनाती! खतरनाक परमाणु बम रूस से बेलारूस पहुंचे,आखिर क्‍या हैं पुतिन के इरादे?

अमेरिका दुनिया का वो देश जिसने सबसे पहले परमाणु बम बनाया तो जापान वह पहला देश जिसने परमाणु हमले का दर्द झेला। इस बीच अब यूक्रेन युद्ध की वजह से एक बार फिर दुनिया परमाणु हमले के खतरे की तरफ बढ़ गई है। बेलारूस (Belarus) ने रूस से परमाणु मिसाइलों और बमों की डिलीवरी लेनी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ परमाणु हथियार हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बमों की तुलना में तीन गुना ज्‍यादा ताकतवर हैं। यह इतिहास में पहला मौका है जब रूस ने इस तरह से अपने परमाणु हथियारों को तैनात करना शुरू कर दिया है।

रूस चला अमेरिका के रास्‍ते

बेलारूस के राष्‍ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने इस बात की जानकारी दी है कि जो परमाणु बन सन् 1945 में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासकी पर गिराए थे, रूसी हथियार उनसे तीन गुना ज्‍यादा खतरनाक हैं। अमेरिका ने हिरोशिमा पर छह अगस्‍त और नागासाकी पर नौ अगस्त 1945 को हमला किया था। इन दोनों हमलों में डेढ़ लाख से ज्‍यादा लागों की जान चली गई थी। जो लोग बच गए थे वो अपंग हो गए थे। इन दोनों शहरों से दूर कई इलाकों में घंटों तक काली बारिश होती रही और रेडियोएक्टिव विकिरण ने इन दोनों शहरों को तबाह कर दिया। आज भी यहां पर तबाही के निशान मौजूद हैं।

सामरिक हथियार क्‍या होते हैं

पिछले महीनों पुतिन ने घोषणा की थी कि वह बेलारूस में सामरिक परमाणु हथियारों को तैनात करने के लिए सहमत हो गए हैं। कई दशकों यूरोप के कुछ देशों में अमेरिका ने भी ऐसे ही हथियार तैनात कर रखे हैं। पुतिन के फैसले की अमेरिका ने आलोचना की थी। इसके साथ ही अमेरिका ने कहा था कि सामरिक परमाणु हथियारों के अपने रुख को बदलने का उसका कोई इरादा नहीं है। रूस के इस कदम पर अमेरिका के साथ ही साथ चीन की भी नजरें हैं। सामरिक परमाणु हथियार का उद्देश्य युद्ध के मैदान में दुश्मन की सेना और हथियारों को नष्ट करना होता है। अपेक्षाकृत इनकी मारक क्षमता पूरे शहर का नामो निशान मिटाने की ताकत रखने वाले और अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईबीसीएम) पर लगाए जाने वाले रणनीतिक परमाणु हथियारों से कम होती है।

ये भी पढ़े: रूस के S-350 ने यूक्रेन में फिर मचाई भारी तबाही, जानें कितना ताकवर है पुतिन का नया ‘ब्रह्मास्त्र

रूस ने साधी चुप्‍पी

बेलारूस के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक लुकाशेंको ने कहा, ‘भगवान न करे कि मुझे इन हथियारों का इस्तेमाल करने का फैसला करना पड़े, लेकिन यदि हमला होता है तो हम हिचकिचाएंगे नहीं।’ रूसी अधिकारियों ने हालांकि तत्काल लुकाशेंकों की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रया नहीं दी है। लुकाशेंको ने कहा कि उन्होंने ही पुतिन से बेलारूस में रूसी परमाणु हथियार तैनात करने को कहा था। उन्होंने तर्क दिया कि यह कदम किसी संभावित हमले को रोकने के लिए आवश्यक है। लुकाशेंको ने कहा, ‘मेरा मानना है कि कोई भी ऐसे देश से लड़ना नहीं चाहेगा, जिसके पास ये हथियार होंगे।’

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago