China People Burning Bodies In Streets: चीन इस वक्त कोरोना महामारी की गिरफ्त में है। हाल यह है कि, चीन के अस्पताल मरीजों से फुल हैं। लोगों को जमीन पर लेटा कर इलाज किया जा रहा है। संक्रमण के मामले इतने ज्यादा बढ़ गये हैं कि, अब अस्पतालों में न बेड पर जगह बची है न ही फर्श (China People Burning Bodies In Streets) पर लिटाने की। लोग तड़प-तडप कर मर रहे हैं। शव दाग गृह शवों से भरे हुए हैं। हर रोज भारी संख्या में कोरोना मरीजों की मौत हो रही है। अस्पतालों के कई वीडियो सामने आ चुके हैं साथ ही शवदाह गृह के बाहर लंबी कतारें भी चीन की पोल खोल चुकी हैं। अब हाल यह है कि, कोरोना से मरने वालों की संख्या लगातार भारी मात्रा में बढते जा रही है। चीन में कोरोना के कोहराम का अंदाजा इसी से लगा लें कि, यहां पर लोग अपनों का अंतिम संस्कार गली (China People Burning Bodies In Streets) में ही करने के लिए मजबूर हो गये हैं। कई ऐसे वीडियो सामने आये हैं जिसमें चीन का डरावाना हालात देखा जा सकता है।
जहां जगह मिल रही वहीं लाशों को जलाने पर मजबूर हुए लोग
जहां शी जिनपिंग कोरोना मरीजों की संख्या और मौत के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं तो वहीं कुछ वीडियो चीन के हालात की पोल खोल रही हैं। जो वीडियो सामने आये हैं उसमें चीन में बेहद ही भयानक स्थिति नजर आ रही है। यहां पर लाशों का ढेर लगा हुआ है। शव दाहगृह में अंतिम संस्कार की जगह नहीं है। ऐसे में लोगों को अपने किसी करीबी को गली या फिर सड़क के किनारे जलाना पड़ रहा है। दिसंबर में जब से जीरो-कोविड नीति खत्म हुई है तब से ही स्थितियां बिगड़ी हुई हैं। ट्विटर पर वायरल हो रहे एक वीडियो में नजर आ रहा है कि कैसे लकड़ी के ताबूत को जलाया जा रहा है। इसी तरह से गांव की कई और गालियों में अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। एक और वीडियो जो वायरल हो रहा है, वह शंघाई का है। इस वीडियो में नजर आ रहा है कि कैसे कुछ लोग एक लाश को जलाने के लिए साथ हैं और फिर कुछ ही समय के बाद अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के शव दाहगृहों में इतनी भीड़ है कि परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए बस 10 मिनट का ही समय दिया जा रहा है।
शंघाई में शवों के लिए जगह नहीं, मरने वालों संख्या पांच गुना ज्यादा
शंघाई में इतना बुरा हालात है कि, यहां पर मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है। लोन्गहुआ शव दाहगृह आम दिनों की तुलना में एक दिन में पांच गुना ज्यादा शवों को जला रहा है। यहां पर काम करने वाले एक कर्मी का कहना है कि, इस वक्त पूरी सिस्टम ही अपंग हो गया है। देश में अंतिम संस्कार के लिए लोगों में मची जल्दी को देखते हुए इस सेवा की कीमतों में भी इजाफा हो गया है। ऐसे में अब लोगों ने खुद ही अपने करीबियों का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है। शंघाई के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने बहुत से तरीकों से अपने पिता के अंतिम संस्कार की कोशिशें की लेकिन सब व्यर्थ गईं। हॉटलाइन पर किसी भी शव दाहगृह का नंबर नहीं लग रहा था। चीन में कानून के तहत संक्रामक बीमारी से मारे गए किसी भी व्यक्ति की लाश घर में लाना जुर्म है। ऐसे में लोगों को अंतिम संस्कार करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इधर चीन ने ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को संस्पेंड कर दिया है जो कोविड नीतियों की पोल खोल रहे हैं।
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