चीन पर दबाव बढ़ाते हुए ब्रिटेन ने हांगकांग प्रत्यर्पण संधि को निलंबित किया

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पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग में एक नये राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने को लेकर चीन के साथ विवाद बढ़ने पर ब्रिटेन ने सोमवार को हांगकांग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि को निलंबित करने की घोषणा की। ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमिनिक रॉब ने बताया कि प्रत्यर्पण संधि को तुरंत निलंबित कर दिया  जाएगा और हांगकांग पर हथियार प्रतिबंध भी लगाया जाएगा। रॉब ने कहा, "हम उन व्यवस्थाओं को फिर से बहाल करने पर विचार नहीं करेंगे, जब तक कि नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत ब्रिटेन से प्रत्यर्पण का दुरुपयोग करने से रोकने में सक्षम स्पष्ट और मजबूत सुरक्षा उपाय न हों।" 1997 में चीनी शासन को लौटाये गये हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों के दमन से लंदन नाराज हो गया है। लंदन की एक लॉ फर्म पीटर्स एंड पीटर्स के पार्टनर निक वमोस ने कहा, "हांगकांग और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण बेहद दुर्लभ है, इसलिए यह एक प्रतीकात्मक कदम है, लेकिन बहुत महत्वपूर्ण है।" रॉब ने कहा कि चीन पर लंबे समय से जारी हथियार निर्यात प्रतिबंध का विस्तार वह हांगकांग के लिए भी करेंगे। जिसका अर्थ है कि हथियारों या गोला-बारूद और आंतरिक दमन के लिए इस्तेमाल किये जा सकने वाले उपकरण जैसे हथकड़ी और आंसू गैस के  गोले के निर्यात पर प्रतिबंध होगा। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने इस महीने की शुरुआत में हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधियों को निलंबित कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हांगकांग के लिए विशेष आर्थिक सुविधाओं को समाप्त कर दिया है। पिछले सप्ताह ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चीन के हुआवे टेक्नोलॉजी के उपकरणों को 2027 के अंत तक ब्रिटेन के 5G नेटवर्क से पूरी तरह से दूर  करने का आदेश दिया था। एक समय परमाणु क्षेत्र से लेकर रेल तक के ब्रिटिश बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश के प्रमुख स्रोत बन चुके चीन ने ब्रिटेन पर अमेरिका को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। ब्रिटेन का कहना है कि नया सुरक्षा कानून स्वतंत्र न्यायपालिका सहित स्वतंत्रता की गारंटी को खत्म करता है, जिसने 1997 के बाद से हांगकांग को दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यापार और वित्तीय केंद्रों में से एक बनाए रखने में मदद की है। ब्रिटिश सांसदों ने हांगकांग और शिनजियांग क्षेत्र में उइगुर मुसलमानों के दमन के बारे में चिंताओं को लेकर उच्च पदस्थ चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए रॉब पर दबाव डाला था, लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसे कोई उपाय जरूरी नहीं थे। उन्होंने कहा, "हम धैर्यपूर्वक सबूत इकट्ठा करेंगे, इसमें महीनों लगते हैं।" जबकि हांगकांग और बीजिंग के अधिकारियों का कहना है कि लोकतंत्र समर्थक आंदोलन और चीन विरोधी गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा कानून महत्वपूर्ण है। चीन ने बार-बार पश्चिमी शक्तियों से कहा है कि वह हांगकांग के मामलों में दखल देना बंद करे। ब्रिटिश सांसदों की मांग के अनुसार कुछ चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंधों को लंदन ने यदि मंजूरी देने का प्रयास किया तो ब्रिटेन में चीन के राजदूत ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है।  .</p>

डॉ. शफी अयूब खान

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