अंतर्राष्ट्रीय

असली रंग दिखाता Taliban, महिलाओं से कहा पार्क-जिम गई तो पहुंचा देंगे जहन्नुम!

Afghan Women Taliban Rule: अफगानिस्तान पर जब तालिबान ने कब्जा किया तो डर के मारे अफगानी नागरिक अपना घर बार सबकुछ छोड़कर पलायन करने लगे। हर किसी को बस यही था कि किसी तरह वह किसी दूसरे देश में सुरक्षित पहुंच जाए। पूरे अफगान में तालिबान के लौट आने का खौफ था। अमेरिका ने लाखों अफगानियों को अनाथ छोड़ दिया, जिस तालिबान ने दुनिया से वादा किया था कि वो औरतों (Afghan Women Taliban Rule) की सुरक्षा की गारंटी लेता है और उनकी आजादी नहीं छीनेगा वो सबकुछ झूठ था। अफगान पर कब्जा करते ही तालिबान ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। दुनिया के सामने मासूम बनता रहा कि, वो सरिया कानून लागू नहीं करेगा। लेकिन, उसके नियम सरिया कानून से कम नहीं हैं। महिलाओं (Afghan Women Taliban Rule) की जिंदगी तो पूरी ही खत्म हो गई है। अब तक वो छठी कक्षा के बाद स्कूल नहीं जा सकती, अकेली घर के बाहर नहीं जा सकती, म्यूजिक नहीं सुन सकती, बुर्का के बिना देखते हुए गोली। अब तो तालिबान ने उनके आजादी को कुचलते हुए जिम और पार्कों में भी जाने से प्रतिबंध लगा दिया है।

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तालिबान ने फिर कुचला अफगानी महिलाओं की आजादी
तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के जिम जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। तालिबान पिछले साल अगस्त 2021 में सत्ता पर काबिज हुआ था। उन्होंने देश में माध्यमिक और उच्चतर विद्यालय जाने पर लड़कियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान राज में अब महिलाओं को रोजगार के ज्यादातर क्षेत्रों में प्रतिबंधित कर दिया है और महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से लेकर पैर तक बुर्के में ढके रहने का आदेश दिया था। धार्मिक मामलों के मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिबंध लगाया जा रहा है क्योंकि लोग आदेशों की अनदेखी कर रहे थे और महिलाओं ने हिजाब पहनने संबंधी नियमों का पालन नहीं किया।

जिम-पार्क जाना बंद
अब महिलाओं के पार्क में जाने पर भी पाबंदी है। महिलाओं के जिम और पार्क में जाने पर प्रतिबंध इसी हफ्ते से लागू हो गया है। प्रवक्ता ने कहा, ‘लेकिन, दुर्भाग्य से, आदेशों का पालन नहीं किया गया और नियमों का उल्लंघन किया गया और हमें महिलाओं के लिए पार्क और जिम बंद करने पड़े। उन्होंने कहा, ज्यादातर मौकों पर हमने पुरुषों और महिलाओं, दोनों को एकसाथ कई पार्क में देखा है और दुर्भाग्य से उन्होंने हिजाब नहीं पहन रखा था। इसलिए हमें एक और निर्णय लेना पड़ा और हमने सभी पार्क और जिम को महिलाओं के लिए बंद करने का आदेश दिया।

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अपनी किस्मत को कोसती अफगानी महिलाएं
दुनिया के बड़े देशों को अब फैसला लेने का वक्त आ चुका है। उन्हें एक बार फिर से अफगानिस्तान के नागरिकों को उनकी सुरक्षा और उनकी आजादी के हक में काम करना होगा। आज दुनिया आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रही है लेकिन, अफगानिस्तान में अब भी सरिया कानून चारो दिशाओं में बह रहा है। एक ओर दुनिया में महिलाएं हर एक क्षेत्र में अपने प्रतिभा का झंडा गाड़ रही हैं तो दूसरी ओर अफगानी महिलाएं अपने किस्मत को कोस रही हैं। तालिबान ने असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है। असल में वो यह बता रहा है कि वो वही 20 साल पूराना वाला क्रूर तालिबान है।

Vivek Yadav

Writer

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