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यूक्रेन की तबाही का जिम्मेदार America! जंग को शांत होते देख फिर लगा दी चिनगारी

US Military Aid to Ukraine against russia

US Military Aid to Ukraine: रूस ने जब यूक्रेन (Russia-Ukraine War) पर सैन्य अभियान शुरू किया तो ये अमेरिका और पश्चिमी देशों को हजम नहीं हुआ। सैन्य अभियान तो ठेका सिर्फ अमेरिका-नाटो (Aemrica-NATO) ने उठा रखा है। बाकी कोई दूसरा करेगा तो वो उसे जंग कहेंगे और हमला करने वाले को आतंकवादी कहेंगे। कुछ ऐसा ही पश्चिमी देशों ने रूस के साथ किया। रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाये अपनी पूरी ताकत लगा दी। लेकिन, अंत में अगर देखा जाय तो पश्चिमी देशों को इसका खामियजा ज्यादा भुगतना पड़ा। जंग को भड़काने का काम हमेशा अमेरिका ने किया है। जब भी अमेरिका ने देखा कि ये जंग अब खत्म होने वाली है तो वो इसमें धीरे से आग लगा कर साईड हो लेता है और दुनिया के सामने शांति-शांति का पाठ पढ़ने लगता है। यूक्रेन को गोला, बारूद, जेट, मिसाइल, ड्रोन, टैंक, हथियार यहां तक की आर्थिक रूप से मदद (US Military Aid to Ukraine) कर रहा है और दुनिया के सामने शांति-शांति का माला जप रहा है। अब जब ये जंग शांत होती नजर आ रही है तो अमेरिका एक बार फिर से इसे भड़काने का काम कर रहा है। अमेरिका एक बार फिर से यूक्रेन को 40 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता (US Military Aid to Ukraine) का ऐलान किया है। दुनिया के ये बात अब समझनी चाहिए कि इस जंग में रूस यूक्रेन नहीं बल्कि अहम किरदार अमेरिका और पश्चिमी देशों का है।

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रूस-यूक्रेन जंग से तबाह हो रहा यूरोप
पूरी दुनिया में अगर अमेरिका से किसी को लड़ने की ताकत है तो वो है रूस। रूस के साथ इस वक्त अमेरिका से भी ज्यादा परमाणु हथियार है। अमेरिका को ये शुरुआत से ही रास नहीं आ रहा था कि रूस उससे आगे निकल रहा है। अमेरिका को यूक्रेन जंग से मौका मिल गया और वो अपनी चाल चल दिया। दुनिया की मीडिया भी एकतरफा खबरें दिखा रही है। ये नहीं बता रही है कि अमेरिका-नाटो के फैसले के चलते इस वक्त ग्रिस, जर्मनी, ब्रिटेन, बैल्जियम से लेकर तमाम यूरोप के देशों में भारी मंदी का दौर चल रहा है। खैर, 9 महीने से जारी इस जंग में यूक्रेन पर अमेरिका पूरी तरह से मेहरबान है। अमेरिका-नाटो के ही दम पर जेलेंस्की ऐंठन में हैं वरना 1 दिन भी यूक्रेन को खोने में उन्हें समय नहीं लगता।

यूक्रेन को मदद कर फिर जंग भड़का रहा अमेरिका
अमेरिका, यूक्रेन को सैन्य सहायता के रूप में 40 करोड़ डॉलर और भेजेगा। खबर ये भी है कि अगर रिपब्लिकन पार्टी का संसद पर नियंत्रण हो जाता हैं तो रूस के खिलाफ युद्ध के लिए वित्तीय सहायता में थोड़ी कमी हो सकती है। अधिकारियों के मुताबिक, सहायता पैकेज में बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और पहली बार एवेंजर वायुरक्षा प्रणाली शामिल होगी। यूक्रेन को यह अमेरिकी सहायता ऐसे समय मिलेगी, जब रूस ने प्रमुख यूक्रेनी शहर खेरसॉन से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की है। यहां से साफ हो जाता है कि अमेरिका इस जंग को भड़काने का काम कर रहा है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर ऐसे समय में ये चाल चलने का क्या मतलब है।