अंतर्राष्ट्रीय

चांद पर भी भारत की मदद करेगा US, निशाने पर दो सबसे बड़े दुश्मन चीन और रूस

भारत के chandrayaan-3  मिशन को अमेरिका दिल खोलकर मदद कर रहा है। ये वो ही देश है जिसने भारत को क्रायोजनिक इंजन देने में अड़ंगा डाला था। नासा के दुनियाभर में फैले केंद्र चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने में मदद कर रहे हैं। वैसे अमेरिका के इस रुख में यह बदलाव यूं ही नहीं आया है। इसके पीछे एक बड़ी वजह चीन है जो भारत का भी दुश्‍मन है। चीन की नजर अब चांद के दक्षिण ध्रुव पर कब्‍जा करने की है। चीन दक्षिण चीन सागर की तरह से ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के खजाने पर नजर गड़ाए हुए है। चीन आने वाले समय में कई अंतरिक्षयान और अंतरिक्ष यात्री भेजने जा रहा है ताकि वहां पर चंद्रमा पर स्‍टेशन बनाया जा सके। वहीं भारत अब अमेरिका के साथ खड़ा है और उसने नासा के चंद्रमा मिशन अर्तेमिस पर हस्‍ताक्षर किया है।

विशेषज्ञों के अनुसार चीन और रूस मिलकर चंद्रमा पर बेस बनाने के लिए एक साथ आ गए हैं। रूस का लूना-25 मिशन फेल हो गया है और अब वह चीन पर पूरी तरह से निर्भर हो गया है। रूस का लूना-25 मिशन चीन के इंटरनैशनल लूनर रीसर्च स्‍टेशन (ILRS) का हिस्‍सा था और रूस की ओर से भेजा जाने वाला मिशन था। चीन और रूस साल 2030 तक चांद के दक्षिण ध्रुव पर अपना अड्डा बनाना चाहते हैं।

चांद पर चीन का पिछलग्‍गू बनेगा रूस

अमेरिका के अलबामा में अंतरिक्ष मामलों की विशेषज्ञ नम्रता गोस्‍वामी कहती हैं कि लूना-25 के नष्‍ट होने से यह साबित हो गया है कि चीन के पास चांद पर उतरने की पुष्‍ट तकनीक है। चीन रूस की इस दिशा में मदद कर सकता है। यह साल 1960, 1970 और 1980 के दशक से बिल्‍कुल अलग होगा। उस समय सोवियत संघ नेतृत्‍व कर रहा था और चीन उसके पीछे-पीछे चल रहा था। चीन और रूस में यह सहयोग दुनिया के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।

ये भी पढ़े: रूस अब चांद पर नहीं जाएगा? लूना-25 के फ्लॉप होने से Putin के सपने को बड़ा झटका

भारत की सफलता अमेरिकी खेमे की जीत

गोस्‍वामी ने कहा कि चूंकि रूस फेल हो गया है और अगर भारत सफल होता है तो अमेरिकी खेमे के लिए बड़ी जीत होगी। भारत ने जून महीने में नासा के अर्तेमिस मिशन पर साइन किया था। भारत ऐसा करने वाला 27वां देश है। इस बीच नासा भी अपना चंद्रमा मिशन नोवा सी नवंबर महीने में लॉन्‍च करने जा रहा है। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग हालांकि आसान नहीं होने जा रही है। केवल चीन ही चांग ई 3, 4 और 5 मिशन के तहत ऐसा कर पाया है। भारत, इजरायल, जापान और अब रूस को निराशा हाथ लगी है।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago