चीन की "ग्रैंड स्ट्रेटजी" विश्व शांति के लिए एक बड़ा खतरा

चीन की ग्रैंड स्ट्रेटजी उसकी स्थिति को एक महान शक्ति के रूप में पुख्ता कर रही है। देंग जियाओ पिंग और उनके उत्तराधिकारियों के शासनकाल में जिस "दबे-छुपे" ढंग से ताकत बढ़ाने की नीति वर्षों तक अपनाई गई, शी जिनपिंग ने उसे पूरी तरह छोड़ दिया है। जिनपिंग ने  आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की नीति के साथ-साथ  राजनीतिक और सैन्य शक्ति को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने निजी "चाइना ड्रीम" के माध्यम से अपनी खुद की रणनीतिक विरासत का निर्माण कर रहे हैं। अगर शी के चीन के भविष्य के लिए अपनाई गई नीति के आधे लक्ष्य भी पूरे हो गए, तो इसके पूरी दुनिया के लिए गंभीर परिणाम होंगे। चीन के कई पड़ोसी मुल्कों सहित अमेरिका में किसी दूरगामी रणनीति की कमी उसे आक्रमक रवैया अपनाने की छूट दे रही है। चीन की इस चुनौती का सामना करने के लिए बाकी देशों को भी अपनी खुद की एक दीर्घकालिक रणनीति अपनाने की जरूरत होगी।

शी का चाइना ड्रीम एक ऐसे समृद्ध चीन का सपना है, जो आर्थिक और सैन्य रूप से शक्तिशाली है और 2049 तक ताइवान का विलय अपने साथ कर सकने में समर्थ है। यह "सपना" वास्तव में एक रोडमैप है। यह 21वीं सदी में चीन को वैश्विक शक्ति के रूप में मजबूती से स्थापित करने के उद्देश्य से ठोस पहल द्वारा समर्थित दीर्घकालिक लक्ष्यों का एक समूह है।

'द चाइना ड्रीम' तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है। पहला स्तंभ बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) है। जो एक विशाल कार्यक्रम है और दुनिया भर में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा ऋण और अनुदान प्रदान करता है। बीआरआई का घोषित लक्ष्य बाकी दुनिया के साथ चीन की आर्थिक कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।  जबकि, इस पहल ने चीन को भू-रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देशों के साथ आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को गहरा करने और "दोहरे उपयोग" वाली सुविधाओं के विकास के माध्यम से अपनी सैन्य पहुंच बढ़ाने में सक्षम बनाया है।

चाइना ड्रीम का दूसरा स्तंभ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का आधुनिकीकरण है। शी ने कहा है कि चाइना ड्रीम को साकार करने के लिए पीएलए को 2049 तक एक "विश्व स्तरीय" युद्ध बल बनना चाहिए। पीएलए उस लक्ष्य को प्राप्त करने के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है। पीएलए ने हर  पुराने हथियारों को चरणबद्ध रूप से बाहर करने का काम तेज कर दिया है और कई मामलों में अमेरिकी सेना के बराबर या कुछ मामलों में उससे बेहतर अत्याधुनिक तकनीकों पर काम शुरू कर दिया है। पीएलए ने अपनी कमान और नियंत्रण क्षमताओं को भी बढ़ाया है और बेहतर शिक्षा, प्रशिक्षण के माध्यम से ज्यादा पेशेवर बन गया है।

चीन की ग्रैंड स्ट्रेटजी का अंतिम स्तंभ "मेड इन चाइना 2025" है। इसका उद्देश्य चीन को एक प्रमुख डेवलपर और उन्नत प्रौद्योगिकियों का निर्माता बनाना है। आर्थिक और रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के महत्व को देखते हुए इस क्षेत्र में चीनी कौशल देश की शक्ति और प्रभाव का बहुत विस्तार करेगा। हालांकि अन्य दो स्तंभों की तरह "मेड इन चाइना 2025" अभी तक  सफल नहीं हुआ है, लेकिन इसका संभावित असर बहुत ज्यादा है।.

डॉ. शफी अयूब खान

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