शी जिनपिंग के खतरनाक इरादेः उईगर मुसलमानों की नस्ल मिटाने पर आमादा चीन!

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार उइगर मुस्लिमों का नाम-ओ-निशान मिटाने पर आमादा है। उइगरों मुसलमानों पर तमाम तरह के अत्याचारों के अलावा उनकी सांस्कृतिक पहचान भी मिटाई जा रही है। चीन में अब 16000 से ज्यादा मस्जिदों को या तो जमींदोज कर दिया गया है या फिर उनकी जगह शौचालय, माल या पब्लिक यूटिलिटी सेंटर बना दिए गये हैं। उईगर मुसलमानों की 15वीं शताब्दि की कलगिर मस्जिद को गिराकर चीनी सरकार ने साफ कर दिया है कि वो उईगरों का नाम-निशान और पहचान सब कुछ खत्म करके ही मानेगा।

शिनजियांग प्रांत में 16 हजार मस्जिदों को या तो पूरी तरह गिरा दिया गया या या किसी और तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। शिनजियांग की 1 हजार सांस्कृतिक महत्व वाली साइट्स पर नजर डाली गई और पता चला कि उनमें से बड़ी संख्या में इमारतें गायब हैं। शिनजियांग में 10 लाख से ज्यादा उइगरों को हिरासत में लिया गया बल्कि उनकी संस्कृति और पहचान पर हमला किया गया। इसे सांस्कृति नरसंहार का नाम दिया गया है।

ऐसी खबरें भी मिली हैं कि शिनजियांग के अक्सू शहर कम से कम 400 कब्रिस्तानों को नष्ट-भ्रष्ट कर दिया गया। कब्रिस्तानों दूसरी इमारते बना दी गयी। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शिनजियांग में कम्युनिस्ट पार्टी के एक अधिकारी ने कहा कि यहां मस्जिदें जरूरत से ज्यादा हैं। उसके कहने के कुछ बाद ही 8,500 मस्जिदें गिरा दी गयीं। जा चुकी हैं। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस वक्त शिनजियांग में सांस्कृतिक क्रांति के बाद से पहली बार इतनी कम मस्जिदें हैं। यह भी आशंका जताई गई है कि जो मस्जिदें अभी मौजूद हैं, वहां भी लोग प्रार्थना करने नहीं जाते हैं।

उइगर के एक अकैडेमिक ने बताया है कि संस्कृति को मिटाने का अभियान सोची-समझी कोशिश है जिससे लोगों को उनके इतिहास से अलग किया जा सके। इसी तरह उईगरों पर एक रिसर्च करने वाली अटलांटिस की रिपोर्टर यासमीन शरहान ने कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने न केवल मस्जिदों को बल्कि हजारों मजारों को खत्म कर दिया है। शिनजियांग के स्कूलों में उईगर भाषा प्रतिबंधित कर दी गयी है। इस्लाम को मानने वालों को अतिवादियों की श्रेणी में डाल जाता है।

शिनजियांग डेटा प्रॉजेक्ट 2017 में सरकार ने 20 किलोमीटर के इलाके में बुलडोजर चलाकर उईगरों के उन सांस्कृतिक-धार्मिक स्थलों को भी नेस्तनाबूद कर दिया जो खुद कम्युनिस्ट शासन 'संरक्षित' घोषित कर रखे थे। ऐसे ही संरक्षित इमारत कारगिलिक की ग्रैंड मस्जिद थी। जिसे 1500 की सदी में बनवाया गया था। यह मस्जिद इस्लामिक मोजैक और आर्किटेक्चर की मिसाल थी। किन शिनजियांग से इस्लामिक इतिहास मिटाने की साजिश में यह मस्जिद भी गिरा दी गयी।.

सतीश के. सिंह

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