अंतर्राष्ट्रीय

Saudi Arabia दौरे पर Jinping ने कर दी ऐसी हरकत,अब बुरी तरह भड़का दोस्त Iran

चीन (China)के चक्कर में जो भी फंसा है वो बरबाद ही हुआ है। जितने भी चीन के दोस्त देश हैं हर कोई उससे परेशान हैं। चीन की मंसा ही रहती है कि, पहले दोस्ती करो और फिर वहां पर अपनी नीतियां थोप कर उनकी चीजों पर अपना कब्जा जमा लो। पिछले कई सालों चीन छोटे देशों में यही कर रहा है। अब एक और दोश चीन की जाल में फंसता नजर आ रहा है। जो दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद मायने रखता है। ये कोई और नहीं बल्कि सऊदी अरब (China Saudi Arabia Relations) है जिसके रिश्ते इन दिनों चीन के साथ सातवें आसमान पर हैं।

पिछले दिनों अमेरिका को घेरने और काला सोना की लालच में सऊदी अरब की बहुचर्चित यात्रा पर गए चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के लिए दो नावों की सवारी बहुत महंगी पड़ी है। यूएई और चीन के बीच जारी बयान में विवादित द्वीपों का जिक्र होने पर जहां ईरान भड़का हुआ है। यही नहीं अब उसे ड्रैगन के ‘धोखे’ का डर सता रहा है। चीन के राष्‍ट्रपति ने ईरान के धुर विरोधी सऊदी अरब को खुश करने की कोशिश की और अरबों डॉलर की डील की है। इससे अब ईरान को डर सता रहा है कि चीन खुद को ‘तटस्‍थ’ दिखाने के लिए सऊदी अरब के साथ भी रिश्‍ते मजबूत कर रहा है।

दरअसल, अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा चीन (China) ईरान तेल के सबसे बड़े खरीदार चीन को अपने एक सहयोगी के रूप में देखता है। ईरान ने चीन के साथ कई अरब डॉलर की महाडील पिछले दिनों की थी। ईरान और चीन ने रक्षा समझौते भी किए हैं। चीन की तमाम कंपनियां ईरान में अरबों डॉलर का प्रॉजेक्‍ट चला रही हैं। जिनपिंग की यात्रा के दौरान चीन की ओर से जारी संयुक्‍त बयान ने ईरान के नीति निर्माताओं को आश्‍चर्य में डाल दिया है। उन्‍हें यह समझ नहीं आ रहा है कि क्‍या चीन की नीतियों में कोई बदलाव आया है।

ईरान मिसाइलों का प्रसार करने वाला

चीनी राष्‍ट्रपति और खाड़ी देशों के नेताओं के साथ मुलाकात के बाद जारी इस संयुक्‍त बयान में ईरान को आतंकी गुटों का समर्थक करार दिया गया था। यही नहीं इस बयान में ईरान को किलर मिसाइलों और हमलावर ड्रोन का प्रसार करने वाला देश बताया गया था। इसमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम की चुनौती और अस्थिर करने वाली क्षेत्रीय गतिविधियों के महत्‍व पर जोर दिया गया है।

ये भी पढ़े: चीन की जाल में फंस रहे खाड़ी देश! Saudi Arabia में जिनपिंग- America के लिए खतरा

शी जिनपिंग की यह सऊदी यात्रा ऐसे समय पर हुई है जब अमेरिका के साथ दोनों ही देशों का तनाव बढ़ा हुआ है। चीनी राष्‍ट्रपति को लगा कि खाड़ी में अमेरिका के सबसे बड़े सहयोगी और तेल से मालामाल सऊदी अरब को अपने पाले में लाने का यह स्‍वर्णिम मौका है। चीन ने सऊदी अरब के जरिए पूरे खाड़ी इलाके में अपनी पकड़ को मजबूत करने कोशिश की।

सऊदी विदेश की खुली चेतावनी

ईरानी नीति निर्माताओं को यह डर है कि उन्‍हें अब इस बदलाव की कीमत चुकानी होगी। शी जिनपिंग ने चीन-जीसीसी के ऐसे संयुक्‍त बयान को अपना समर्थन दिया है जिसमें ईरान को खुलेआम निशाना बनाया गया है। यह ईरान को चीन के झटके का पुख्‍ता सबूत है जिससे तेहरान हिला हुआ है। इससे पहले सऊदी विदेश मंत्री ने चेतावनी दी थी कि अगर ईरान परमाणु बम हासिल करता है तो खाड़ी देश भी चुप नहीं बैठेंगे।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago