China Eyes on White Gold: आज चीन पूरी दुनिया के मार्केट पर कब्जा कर रहा है। उसने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महारात हासिल की है। चीन दुनिया के हर देश में घुसकर वहां पर अपनी घुसपैठ करना चाहता है। आज बीआईरी प्रेजेक्ट के चहत चीन कई देशों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है साथ उन देशों को बरबाद भी कर रहा है। दुनिया में जहां भी किसी भी तरह का खजाना दिखेगा चीन की नजर वहां जरूर होगी। इस वक्त ड्रैगन की भविष्य के खजाने पर है। अर्जेंटीना के सफेद सोने (China Eyes on White Gold) पर चीन बुरी नजर गढ़ाये बैठा हुआ है। दरअसल, दक्षिणी अमेरिकी देश अर्जेंटीना के विदेश मंत्री ने पुष्टि की है कि चीन की खदान कंपनी तिब्बत समिट रिसोर्सेज देश के दो लिथियम एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट (Lithium Projects) में 2.2 अरब डॉलर का निवेश करेगी। शुक्रवार को जारी बयान के मुताबिक शंघाई स्थित कंपनी अर्जेंटीना में 10,000 नौकरियां पैदा करेगी। दुनिया में इस समय लिथियम को लेकर एक प्रतिस्पर्धा चल रही है। ज्यादातर देश इस कीमती खनिज में निवेश करना चाहते हैं। इसे 21वीं सदी का ‘सबसे बड़ा खजाना’ (China Eyes on White Gold) कहा जा रहा है जो भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत साबित हो सकता है।
अर्जेंटीना के मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, शंघाई में चाइना इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो में तिब्बत समिट रिसोर्सेज के प्रेसिडेंट जियानरोंग हुआंग ने अर्जेंटीना के राजदूत सबिनो वाका नरवाजा के साथ योजनाओं को साझा किया। प्लान के तहत, चीन की फर्म साल्टा प्रांत में सालार डी डायबिलोस प्रोजेक्ट में करीब 700 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी। इससे अगले साल से 50,000 टन बैटरी-ग्रेड लिथियम कार्बोनेट का उत्पादन होने की उम्मीद है।
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नमक के मैदानों में करोड़ों खर्ज कर रहा ड्रैगन
इसके अलावा बाकी 1.5 अरब डॉलर का इस्तेमाल साल्टा में स्थित, एरिजारो नमक के मैदान में एक प्लांट के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे 2024 तक 50,000 से 100,000 टन लिथियम कार्बोनेट का उत्पादन होने की उम्मीद है। लिथियम की ग्लोबल रेस में आगे निकलने के लिए चीन इन नमक के मैदानों में अरबों डॉलर झोंक रहा है। अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली ‘लिथियम त्रिभुज’ का हिस्सा हैं जहां दुनिया के सफेद खनिज का करीब 54 फीसदी मौजूद है।
भविष्य में चीन करना चाहता है दुनिया पर कब्जा
अर्जेंटीना चैंबर ऑफ माइनिंग एंटरप्रेन्योर्स (CAEM) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में अर्जेंटीना ऑस्ट्रेलिया, चिली और चीन के बाद चौथा सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक है। लीथियम का इस्तेमाल बैट्री बनाने में किया जाता है जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को पावर मिलती है। एक रिपोर्ट की माने तो, एक साल में इशके दाम चार गुना से ज्यादा बढ़ गये हैं। इसे ‘वाइट गोल्ड’ कहा जाता है। इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारों में किया जाता है। भविष् में पेट्रोल की जगह अब इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है ऐसे में इसकी अहम भूमिका होगी। यही कारण है कि चीन अभी से इसपर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
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