शायद ही कोई ऐसा देश हो जो चीन (china) से परेशान न हो। चीन की पैंतरेबाजी और उसके हड़पने की भूख के चलते उससे सीमा साझा करने वाले सारे देश परेशान हैं। हिंद महासागर में भी चीन अपने पैंतरेबाजी से बाज नहीं आता है। अब हाल ही में चीन के एक और जासूसी जहाज यूआन वांग 6 ने हिंद महासागर में हलचल बढ़ा दी है। चीन की ये चाल बेहद ही घटिया है। करीब तीन महीने पहले ही चीन ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर ऐसा ही एक जहाज भेजा था जिसे लेकर भारत ने पड़ोसी देश से अपनी नाराजगी जताई थी। अब चीन ने एक बार फिर से उसी तरह की हरकत करनी शुरू कर दी है। वो भी जब भारत बंगाल की खाड़ी में मिसाइलों का परीक्षण करने जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि, भारत चीनी पोत की हिन्द महासागर में एंट्री के बाद मिसाइल परीक्षण स्थगित कर सकता है।
बताया जा रहा है कि इसी दौरान 12 नवंबर को चीन भी एक सैटलाइट को लॉन्च करने जा रहा है। इसी यूआन वांग 6 जहाज के जरिए चीन (china) सैटलाइट की निगरानी भी करेगा। विश्लेषकों का कहना है कि चीन एक तीर से दोहरा शिकार करने की कोशिश कर रहा है। इस चीनी जहाज के आने से जहां भारतीय नौसेना अलर्ट हो गई है, वहीं ड्रैगन की नापाक साजिश को करारा जवाब देने के लिए बड़ा प्लान भी बनाया है। आइए जानते हैं पूरा मामला…
भारत चीन की हर चाल का करेगा खात्मा
चीन (china) की इस चाल से भारत सतर्क जरूर है, लेकिन खास बात इसके जवाब में भी प्लान तैयार हो गया है। ऐसे में भारतीय नौसेना जहां अलर्ट है, वहीं अब उसने साफ कर दिया है कि वह चीनी जहाज को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में घुसने नहीं देगी। समुद्र में किसी भी देश का यह विशेष आर्थिक क्षेत्र 200 समुद्री मील तक होता है। चीनी सेना का यह जहाज जहां मिसाइलों की निगरानी करने में सक्षम है, वहीं यह ‘शोध और सर्वे जहाज’ के रूप में रजिस्टर है। विदेशी जहाज जिसमें युद्धपोत भी शामिल हैं, वे ईईजेड से आसानी से जा सकते हैं। वहीं बिना अनुमति के किसी भी तरह के विदेशी सर्वे, शोध या उत्खनन को भारतीय कानूनी अनुमति नहीं देता है।
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चीन पहले भी भारत संग नापाक हरकत
इससे पहले साल 2019 में चीन का एक जासूसी जहाज शी यान 1 पोर्ट ब्लेयर के पास पहुंचा था और भारतीय नौसेना ने उसे भागने के लिए मजबूर कर दिया था। इसे लेकर भारत का चीन के साथ राजनयिक विवाद हो गया था। शी यान 1 भी चीन की नौसेना का एक जासूसी जहाज माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक अगर चीन का नया जासूसी जहाज यूआन वांग 6 भी अगर भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र में घुसने की कोशिश करता है तो उसके साथ भी वही बर्ताव किया जाएगा जो शी यान 1 के साथ हुआ था। चीन ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि उसका जहाज कहां जा रहा है।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारत हिंद महासागर में चीन (china) के इस जासूसी जहाज की हर हरकत पर पूरी तरह से नजरें गड़ाए हुए है। इसके लिए समुद्र और हवा दोनों ही रास्तों से निगरानी की जा रही है। भारत अपने लंबी दूरी तक निगरानी करने में सक्षम ड्रोन विमानों और निगरानी विमानों की मदद से ड्रैगन की हर चाल पर कड़ी नजर रख रहा है। यही नहीं भारत अब इस स्थिति में है कि वह पता लगा सकता है कि चीन का जासूसी जहाज किसी चीज की निगरानी कर रहा है। वहीं भारतीय रक्षा अधिकारी इस जहाज को लेकर बहुत ज्यादा तनाव में नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि चीन भारत की मिसाइल लॉन्चिंग की निगरानी उपग्रहों से भी कर सकता है।
चीन क्यों हिंद महासागर को खंगाल रहा है?
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह रणनीतिक सहयोग जहाज असल में हिंद महासागर में इसलिए आया है ताकि चीन के 12 नवंबर और महीने के आखिर में किए जाने वाले सैटलाइट लांचिंग की निगरानी की जा सके। यह जासूसी जहाज इस बार श्रीलंका भी नहीं जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अपने रणनीतिक जहाजों की मदद से लगातार हिंद महासागर को छान रहा है। वे समुद्री सतह की माप कर रहे हैं ताकि मलक्का स्ट्रेट से अलग वैकल्पिक रास्ते की तलाश की जा सके।
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