नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने रविवार को संसद के अंदर दावा किया कि चीन के नेताओं के साथ हाल ही में हुई उनकी मुलाकात के दौरान ट्रांसमिशन लाइन बनाने पर बात हुई है। इसके अलावा सीमा पर सोलर पावर प्लांट लगाने, सड़कें और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में विस्तार पर भी सहमति बनी है। प्रचंड भले ही चीन के साथ दोस्ती बढ़ने का दावा करें लेकिन नेपाल में हकीकत में चीन के सारे प्रॉजेक्ट केवल कागज पर हैं। इसके उलट नेपाल के अंदर भारत की ओर से वित्तपोषित प्रॉजेक्ट बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। नेपाल को भारत ने कुल 63 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मुहैया कराई है।
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रचंड को अपनी पिछले दिनों हुई चीन यात्रा के दौरान 12 प्रॉजेक्ट के लिए फंडिंग का आश्वासन मिला है। वह भी तब जब नेपाल के अंदर बेल्ट एंड रोड प्रॉजेक्ट अभी तक शुरू भी नहीं हुआ है। नेपाल ने चीन के साथ साल 2017 में बीआरआई समझौता किया था। नेपाल के नेता चाहते थे कि भारत पर से अपनी निर्भरता को कम करने के लिए वे चीन के साथ बीआरआई प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ाएं लेकिन यह हो नहीं सका है। नेपाल के विदेश मंत्री ने खुद ही माना है कि अभी तक बीआरआई प्रॉजेक्ट शुरू नहीं हो सके हैं।
नेपाल में भारत के क्या-क्या किया ?
चीन ने लगातार नेपाल (Nepal) पर दबाव बना रहा है कि वह बीआरआई प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ाए लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जिनपिंग का यह ड्रीम प्रॉजेक्ट क्यों रुका हुआ है। इसके विपरीत साल 2018 से भारत की ओर से शुरू किए गए प्रॉजेक्ट या तो पूरे हो गए हैं या फिर पूरे होने वाले हैं। सीमा चेक पोस्ट से लेकर हेल्थकेयर सर्विस तक या फिर रोड-रेल लिंक हो, ये सभी पूरे होने की कगार पर हैं। भारत ने पड़ोसी नेपाल में विभिन्न क्षेत्रों में कई प्रॉजेक्ट शुरू किए हैं।
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भारत ने नेपाल (Nepal) को 22 प्रॉजेक्ट के लिए 1.65 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन दी है। भारत की ओर से वित्तपोषित किए गए जो प्रॉजेक्ट पूरे हो गए हैं, उनमें बीरगंज और बिराटनगर, मोतिहारी-अमलेखगुंज पेट्रोलियम प्रॉडक्ट पाइपलाइन, तराई रोड प्रॉजेक्ट, जयनगर-कुर्था-बिजलपुर रेल लिंक शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल में भारत की ओर से जोगबानी-बिराटनगर रेल लिंक, 900 मेगावाट अरुण 3 पनबिजली परियोजना और भूकंप के बाद घर निर्माण आदि प्रॉजेक्ट चल रहे हैं। यही वजह है कि पिछले दिनों चीन के नेपाल में राजदूत बौखला गए थे और उन्होंने भारत पर निर्भरता को लेकर जहरीला बयान दिया था।