अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान की तरह क़र्ज़ में डूब रहा है China, ड्रैगन के राज्यों का कर्ज जानकर रह जाएंगे दंग

China Economy Crisis: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहलाए जाने के लिए चीन (China) खूब ज़ोर लगा रहा था। लेकिन चीन (China) तो अब भी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। वहां के कई राज्यों पर कर्ज उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 44% हो गया है। राज्‍य सरकारों पर लगभग 5.14 लाख करोड़ डॉलर का बकाया है, इतनी रकम को यदि रुपये में आंका जाए तो ये कर्ज खरबों रुपये का होगा। वेस्‍टर्न मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के 31 राज्यों पर 782 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है , और वहां व्‍याप्‍त आर्थिक मंदी के पीछे की बड़ी वजह कोरोना महामारी के चलते बिगड़े हालात बताए जा रहे हैं। आर्थिक मंदी और जमीन की बिक्री से मिलने वाले राजस्व में आई कमी के कारण चीन (China) में प्रांतों और स्थानीय सरकारों को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। कई आर्थिक विशेषज्ञों ने चीन (China) में इन हालातों को श्रीलंका, पाकिस्तान, तुर्किये जैसे देशों से जोड़कर देखा है। क्‍योंकि, ये सभी देश आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और इन सभी देशों को मुश्किल से उबरने के लिए कर्ज चीन ने दिया था।

कहाँ हो रहा है सबसे बड़ा नुक्सान?

चीन के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित प्रॉपर्टी डेवलपर्स में से एक कंट्री गार्डन होल्डिंग ने 2022 में एक बिलियन से अधिक का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। रियल एस्टेट क्षेत्र का चीन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में एक चौथाई से अधिक का योगदान है। ऐसे में डिफॉल्ट से बचने के लिए डेवलपर्स कर्ज को लेकर तेजी से रणनीति बदल रहे हैं। प्रापर्टी डेवलपर्स लागत में कटौती करने लगे हैं। इसका असर यह हुआ है कि वे अक्सर परित्यक्त परियोजनाओं में रूचि ले रहे हैं, छोटे शहरों से किनारा कर रहे हैं और फ्री की जमीन को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। कोविड महामारी के कारण चीन की सरकार पर कर्ज का बोझ सबसे ज्यादा बढ़ा है। इस दौरान बिजनेस से होने वाली आय भी काफी घटी है।

कर्मचारी कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन

कर्ज का संकट इतना ज्यादा बढ़ गया है कि चीन के कई राज्यों ने कर्मचारियों के रियाटरमेंट की उम्र बढ़ा दी है, ताकि एकमुश्त पैसा न देना पड़े। इसके अलावा कर्मचारियों के मेडिकल बेनिफिट्स में भी कटौती की गई है। इस कारण चीन में कर्मचारियों ने काफी विरोध प्रदर्शन भी किया है। चीन की सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी के कारण ‘वुहान स्वास्थ्य बीमा’ जैसे लोकप्रिय सर्च को प्रतिबंधित कर दिया गया है। चीनी सरकार को डर है कि लोगों में इससे जागरूकता बढ़ेगी और विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल सकता है।

यह भी पढ़ें: संकट में आया China का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, कई कंपनियां हुई बंद

आईएन ब्यूरो

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