उत्तर की ओर से भारत को घेरने के लिए चीन ने एक और खतरनाक मंसूबा रचने का फैसला किया है। लद्दाख पर दबादबा बढ़ाने के लिए चीन इसके सीमावर्ती इलाके में पाकिस्तान की मदद से सड़क निर्माण करेगा। यह सड़क मार्ग करीब 800 किलोमीटर का होगा। जो काराकोरम के इलाके को पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान के अस्तोर को जोड़ेगी।
आपको बता दें कि चीन वास्तव में एक पूर्व बौद्ध फाउन्ट यरकंद को और उइगर संस्कृति के सांस्कृतिक दिल को काराकोरम राजमार्ग के माध्यम से अस्तोर तक संपर्क बनाना चाहता है। चीन की योजना के मुताबिक, यहां 33 मीटर चौड़ी सड़क निर्मित होना है। एक बार इस सड़क के बनकर तैयार हो जाने के बाद, चीन गिलगित बाल्टिस्तान में भारी तोपखाने को ले जाने में सक्षम होगा, जिससे लद्दाख में आगे के स्थानों (फॉरवर्ड एरिया) पर भारतीय पक्ष को खतरा पैदा हो सकता है।
बता दें कि अस्तोर जिला स्कर्दू के पश्चिम में है, जो पाकिस्तान का एक डिवीजन मुख्यालय है, जहां से लद्दाख ज्यादा दूर नहीं है। लद्दाख में कई स्थानों पर चीन और भारत के बीच पिछले लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है। वहीं, अस्तोर का मुख्यालय ईदगाह में है और यह गिलगित बाल्टिस्तान के 14 जिलों में से एक है। एक निम्न-गुणवत्ता वाली सड़क वर्तमान में ईदगाह को काराकोरम राजमार्ग से जोड़ती है, जो 43 किलोमीटर दूर है। जानकारों का कहना है कि नई सड़क के निर्माण से चीन और पाकिस्तान के बीच कश्मीर में भारत के खिलाफ दो-मोर्चे की लड़ाई शुरू करने की क्षमता बढ़ जाएगी।