China का BRI प्रोजेक्ट पर मंडराया खतरा! ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट ने CPEC के आस-पास बनाए मोर्चे

<div id="cke_pastebin">
<p>
बेल्ट एंड रोड एनिशिएटिव (BRI) शिनजियांह क्षेत्र से होकर गुजरता है जो चीन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह वही क्षेत्र है जहां पर उइगर मुस्लमों की आबाधी 1.3 करोड़ है। और इनको चरमंथी बात कर इन पर चीन अत्याचार करता रहा है। शिनजियां में मुसलमानों को दबाने के लिए चीन कड़े कदम उठाता रहा है, घर-घर जाकर तलाशी लेता है यहां तक कि लगभग सभी उइगर मुस्लिमों को सर्विलांस पर रखे हुए है। अब शिनजियां क्षेत्र में  ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) के बढ़ते कदम से चीन की चिंता बढ़ गई है, यहां तक की यह चीन के लिए एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा है। ETIM को तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट के रूप में भी जाना जाता है। ऐसी खबरें हैं कि ETIM सीपेक के इर्द-गिर्द मोर्चो को मजबूत कर रहा है। चीन को आशंका है कि ETIM सीपेक पर हमला कर सकता है।</p>
<p>
दरअसल, इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (IFFRAS) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि, शिनजियांग प्रदेश में रहने वाले उइगर समुदाय के लोग आजादी चाहते हैं। शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों की आबादी करीब 1.3 करोड़ है। चीन इन लोगों को चरमपंथी बता इनपर अत्याचार करता रहा है। रिपोर्ट की माने तो BRI के छह में से चार रूट शिनजियांग से होकर गुजरते हैं जो चीन को रूस, मध्य एशिया, पश्चिमी एशिया और दक्षिण एशिया से लेकर भूमध्य सागर तक जोड़ते हैं। स्ट्रेटजिक महत्व के कारण चीन इस बात को लेकर बहुत सावधान है कि ETIM शिनजियांग प्रांत में अगर चरमपंथ फैलाता है तो BRI परियोजना पर खतरा संभव है।</p>
<p>
रिपोर्ट की माने तो चीन ETIM की गतिविधियों को सावधानीपूर्वक मॉनिटर कर रहा है औऱ शिनजियांग पर नियंत्रण जारी रखने के लिए आतंकी संगठन तालिबान से बातचीत कर रहा है। शिनजियांग में चीन ETIM के घुसपैठ को रोकने के लिए उइगर मुस्लिमों को भर्ती करने पर काम कर रहा है। वहीं, एक एक्टिव आतंकी संगठन माना जाने वाला ETIM को साल 2002 में यूनाइटेड नेशंस ने आतंकी संगठन की लिस्ट में डाल दिया था। लेकिन नवंबर 2020 में डोनाल्ड ट्रंप की सराकर ने इसे अमेरिकी आंती लिस्ट से यह कहते हुए हटा दिया कि इसके अस्तित्व को लेकर विश्वसनीय सबूतों की कमी है।</p>
<p>
उइगर मुस्लिमों पर चीन की प्रताणना किसी से छुपी नहीं है। चीन इस इलाके के करीब 1.3 करोड़ मुलमानों को अपने तरिके से चलने का आदेश देता है। लोगों को अवैध रूप से नजरबंद औऱ हिरासत में रखता है, यहां तक कि सारे मुस्लिमों को सर्विलांस पर रखे हुए है। जिन्हें चीन ने हिरासत में लिया है उन्हें वह जबरन चीनी भाषा सिखाता है और कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार होने के लिए प्रेरित करता है।</p>
<p>
इस चीन इस्लामी देशों से अपने रिश्ते को बेहतर बना रहा है लेकिन अपने ही देश में रह रहे मस्लिमों की जो दुर्दशा किए हुए है उससे वहां के मुस्लिम आजादी चाहते हैं। यहां तक कि इस्लामिक देश चीन के इस कदम का विरोध तक नहीं करते हैं, अपने फायदे को देखते हुए ये इस्लामिक देश चीन से गठबंधन कर रहे हैं। चीन ने तो तालिबान जैसे आंतकी संगठनों के साथ अपने संबंध मजबूत कर रहा है।</p>
</div>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago