Xi Jinping Focusing On War: चीन काफी समय से ताइवान (China Taiwan Tension) पर कब्जे के लिए रणनीति बना रहा है। चीन का कहना है कि, ताइवान उसका अपना हिस्सा है और उसे अपने में मिलाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकता है। खासकर जब नैंसी पेलोसी ताइवान यात्रा पर गई तो चीन बुरी तरह भन्ना उठा और ताइवान को घेरकर युद्ध अभ्यास कर अपनी ताकत दिखाकर उसे दिखाने लगा। हालांकि, बाद में चीन ठंडा हो गया लेकिन, अब एक बार फिर से एक्टिव होता नजर आ रहा है। दरअसल, राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping Focusing On War) का कहना है कि, युद्ध ही चीन का एकमात्र लक्ष्य है। इसके लिए वो चीन को तैयार कर रहे हैं। जिनपिंग चीन की मिलिट्री (Xi Jinping Focusing On War) का विस्तार करने में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि, मिलिट्री ट्रेनिंग को मजबूत किया जायेगा ताकि देश किसी भी युद्ध के लिए तैयार रहे। शी के इस कदम के बाद कयास लगाया जाने लगा है कि, क्या ताइवान पर हमले के लिए चीन इस तरह की रणनीति बना रहा है।
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अपनी आर्मी को मजबूत कर रहे शी जिनपिंग
जिनपिंग ने कहा है कि मिलिट्री ट्रेनिंग को मजबूत किया जायेगा ताकि देश किसी भी युद्ध के लिये तैयार रहे। जिनपिंग ने पिछले ही महीने मिलिट्री के तुरंत विकास की बात कही थी। इसके बाद ही उन्होंने अब यह चेतावनी दी है। जिनपिंग ने कहा था कि मिलिट्री को तकनीकी तौर पर आत्मनिर्भर बने। साथ ही इतनी समर्थ हो कि विदेशों में चीन के हितों की रक्षा कर सके। जिनपिंग के युद्ध के लिये तैयार रहने वाले ऐलान ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। उनके इस बयान से आशंका जताई जा रही है कि चीन, ताइवान पर हमला कर सकता है। दुनिया की दूसरे नंबर की आर्थिक महाशक्ति और सबसे बड़ी सेना वाला चीन बार-बार ताइवान को जबरन अपनी सीमा में मिलाने की धमकी देता है। पिछले ही महीने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने संविधान में ताइवान की आजादी और ‘एक देश, दो प्रणालियों’ की नीति को दृढ़ता से लागू करने का विरोध किया है। विशेषज्ञों ने इस वह फॉर्मूला बताया था जिसके बाद चीन आने वाले समय में ताइवान पर राज कर सकता है।
ताइवान पर हमला बोला तो ये इतिहास की सबसे खराब जंग होगी
चीन ने अगर ताइवान पर हमला किया तो ये इतिहास का सबसे बुरा जंग होगा। क्योंकि, अमेरिका साफ तौर पर कहता आया है कि वो ताइवान की पूरी तरह से रक्षा करेगा। साथ ही उसकी तरफ से ताइवान को उसकी रक्षा के लिए हथियार भी मुहैया कराये जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि, इस संघर्ष को कानूनी तौर पर निबटाना चाहिए। इस खतरे को गंभीर चिंता के तौर पर देखा जा रहा है। ताइवान के सबसे करीब जापान है जो अमेरिका का सबसे बड़ा साझीदार है। अमेरिका की ओर से चीन की तरफ से मौजूद खतरे के मद्देनजर पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया गया था कि वह परमाणु क्षमता से लैस बॉम्बर्स को ऑस्ट्रेलिया में तैनात कर देगा। अगर युद्ध होता है तो फिर यह आधुनिक इतिहास की सबसे खराब जंग होगी।
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