इस बात में जरा भी दोराये नहीं है कि चीन (china) कुछ भी काम अपने फायदे के बिना नहीं करता है। ऐसे में ईरान और सऊदी अरब में दोस्ती कराने के बाद चीन अपने आप को सातवें आसमान पर मान रहा है। दरअसल, शी जिनपिंग की हसरत खाड़ी देशों में अमेरिका की जगह पाने की है। यही वजह है कि चीन संयुक्त अरब अमीरात के साथ पहली बार हवाई अभ्यास करने जा रहा है। यूएई को रक्षा क्षेत्र में अमेरिका का करीबी समझा जाता है। यूएई की सेना में शामिल 90 फीसदी हथियार अमेरिकी हैं। ऐसे में चीन के साथ इस युद्धाभ्यास को यूएई की रक्षा नीति में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं अमेरिका ने खाड़ी देशों में चीन की बढ़ती पकड़ को कमजोर करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बाइडन प्रशासन के कई बड़े अधिकारी खाड़ी देशों में मोर्चा संभाले हुए हैं।
यूएई के साथ अभ्यास के बारे में क्या बोला चीन?
चीनी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक चीन और संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेनाएं अगले महीने पहली बार एक साथ एयर एक्सरसाइज करेंगी। मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि फाल्कन शील्ड 2023 नाम का यह अभ्यास चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में होगा। रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि यह चीन और यूएई के बीच पहला संयुक्त वायु सेना प्रशिक्षण है। इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच व्यावहारिक आदान-प्रदान और सहयोग को गहरा करना और आपसी समझ और विश्वास को बढ़ावा देना है।
चीन खाड़ी देशों के बीच कूटनीतिक पहुंच बढ़ा रहा
चीन (china) ने महामारी के बाद से ही अपनी कूटनीतिक पहुंच बढ़ाने के लिए मध्यपूर्व के देशों के साथ संपर्क को तेज किया है। हालांकि, अमेरिका अब भी इस क्षेत्र में बड़ी भूमिका रखता है। चीन ने खाड़ी देशों के नजदीक समुद्री डकैती विरोधी अभियान, वाणिज्यिक बंदरगाहों का निर्माण और हथियारों की बिक्री के जरिए अपनी उपस्थिति को लगातार बढ़ा रहा है। पिछले साल दिसंबर में पहले चीन-अरब राज्य शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में शी जिनपिंग ने मुख्य भाषण दिया था।
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चीन शिनजियांग में कई देशों के साथ अभ्यास कर चुका
बता दें, शिनजियांग में पहले भी चीन (china) संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन कर चुका है। 2016 में चीनी सेना और संघाई सहयोग संगठन के देशों के बीच शिनजियांग के पहाड़ी क्षेत्र कोरला में सैन्य प्रशिक्षण आयोजित किया गया था। इसके अगले साल चीन ने पाकिस्तान की वायु सेना के साथ शिनजियांग में ट्रेनिंग एक्सरसाइज का आयोजन किया था। अमीराती सेना कई अमेरिकी हथियारों और उपकरणों का भी उपयोग करती है, जैसे थाड एंटी-मिसाइल सिस्टम और एएच-64 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल हैं। वहीं, यूएई की सेना के उपयोग किए जाने वाले मुख्य चीन निर्मित हथियार विंग लूंग 1 और विंग लूंग 2 जैसे लड़ाकू ड्रोन हैं।
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