भारत ने अपने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (Tejas) को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया है। इसका प्रमुख मकसद तेजस उड़ाने वाले पायलटों को कश्मीर की गहरी घाटियों और ऊंचे पहाड़ों का अनुभव प्रदान करना है। भारतीय वायु सेना अपने विमानों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सहित उत्तरी क्षेत्र में ले जाती रहती है ताकि पायलटों को उनके अद्वितीय इलाके में उड़ान भरने का अनुभव मिल सके। तेजस की कश्मीर में तैनाती इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी सीमा भारत के दो दुश्मनों चीन और पाकिस्तान से मिलती है। पाकिस्तान ने तेजस के खिलाफ अपने अग्रिम सीमा चौकियों पर जेएफ-17 और एफ-16 को तैनात किया है।
तेजस (Tejas) ने इस महीने की शुरुआत में भारतीय वायु सेना में सात साल की सर्विस पूरी की है। तेजस को एयर डिफेंस, समुद्री टोही और अटैक हमले के लिए डिजाइन किया है। भारत के तेजस एक मल्टीरोल लाइट फाइटर है, वहीं पाकिस्तान का जेएफ-17 (JF-17) मल्टीरोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट है। भारत के तेजस का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनाटिकल लिमिटेड ने किया है, जबकि जेफए 17 का निर्माण चीन की चेंदगू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री ग्रुप और पाकिस्तान की पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स ने किया है।
भारत के तेजस की अधिकतम स्पीड 2205 किमी प्रति घंटा है, वहीं पाकिस्तान के जेएफ-17 की अधिकतम स्पीड 1960 किमी प्रति घंटा है। भारत के तेजस लड़ाकू विमान के एक यूनिट की कीमत 23 से 42 मिलियन डॉलर है। वहीं, जेएफ-17 के प्रति यूनिट की कीमत 25 से 32 मिलियन डॉलर है। भारत का तेजस अधिकतम 52500 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। वहीं, पाकिस्तान का जेएफ-17 55500 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। हवा में ईंधन भरने के मामले में तेजस आगे है। तेजस में मिड एयर रिफ्यूलिंग के लिए स्पेशल पॉड लगा हुआ है, जबकि जेएफ-17 में ऐसी सुविधा नहीं है।
भारत के तेजस (Tejas) को उड़ान भरने के लिए सिर्फ 460 मीटर के रनवे की जरूरत होती है। वहीं, पाकिस्तान के जेएफ-17 को 609 मीटर के रनवे की जरूरत पड़ती है। भारत का तेजस एक सिंगल-सीट फाइटर जेट है और यदि आवश्यक हो, तो इसे ट्विन-सीट फाइटर जेट में निर्मित किया जा सकता है। एलसीए तेजस अपनी डेल्टा विंग के लिए मशहूर है। जेएफ-17 थंडर को चीन और पाकिस्तान ने मिलकर बनाया है।
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यह सिंगल-सीट और ट्विन-सीट दोनों कॉन्फ़िगरेशन में उपलब्ध है। तेजस एलसीए लेजर-गाइडेड बम, हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, एंटी शिप मिसाइलें ले जा सकता है और इसमें इजराइल का एल्टा ईएल/एम2032 मल्टी-मोड फायर कंट्रोल रडार लगा है। जेएफ-17 थंडर हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, लेजर-निर्देशित बम और चीन के एयरबोर्न पल्स-डॉपलर फायर-कंट्रोल रडार को ले जा सकता है।
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