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भारत के Tejas को छोड़ ‘अर्जेंटीना’ क्यों खरीदने लगा America का F-16? समझें पूरा खेल

अर्जेंटीना जल्द ही अमेरिका (America) के एफ-16 लड़ाकू विमान को खरीद सकता है। इस डील को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत एडवांस स्टेज में है। अर्जेंटीना ने इससे पहले भारत के तेजस और चीन के जेएफ-17 को खरीदने में रूचि दिखाई थी। लेकिन, दक्षिण अमेरिका में चीन के घुसपैठ को देखते हुए अमेरिका ने अपना एफ-16 ऑफर कर दिया।अर्जेंटीना को तेजस लड़ाकू विमान बेचने की तैयारी कर रहे भारत को तगड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, दक्षिण अमेरिका में चीन की घुसपैठ को रोकने के लिए अमेरिका अपने एफ-16 को लेकर भारत के तेजस के आगे कूद पड़ा है।

अमेरिका (America) ने अर्जेंटीना को किसी तीसरे देश के माध्यम से एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने का ऑफर दिया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका के साथ अपने रिश्ते सुधारने के लिए अर्जेंटीना भारत के तेजस को रिजेक्ट कर सकता है। अर्जेंटीना ने भारत को तेजस की खरीद से पहले उन 16 पार्ट्स को बदलने को कहा था, जिसे ब्रिटेन ने बनाया है। इन पार्ट्स को दूसरे से रिप्लेस करने में भारत को लंबा वक्त भी लग सकता है।

अर्जेंटीना को F-16 लड़ाकू विमान बेचने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से मांगी अनुमति

यूरेशिया टाइम्स के अनुसार, बाइडन प्रशासन ने डेनमार्क के जरिए अर्जेंटीना को एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से अनुमति मांगी है। अर्जेंटीना 2015 में मिराज विमानो को रिटायर करने के बाद अपनी वायु सेना में खाली हुई जगह को भरने के लिए नए विमान की तलाश कर रहा है. इसके लिए अर्जेंटीना ने भारत के तेजस के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान से जेएफ-17 को भी शॉर्टलिस्ट किया था। हालांकि, बाद में अर्जेंटीना ने जेएफ-17 की जगह भारत के तेजस में ज्यादा रूचि दिखाई थी। अर्जेंटीना के पायलटों ने भारत के तेजस को उड़ाकर भी उसकी क्षमताओं की जांच की है। इस बात की जानकारी चंद दिनों पहले भारत दौरे पर आए अर्जेंटीना के रक्षा मंत्री जॉर्ज एनरिक तायाना ने दी थी।

America और अर्जेंटीना डील के काफी करीब

अर्जेंटीना के रक्षा मंत्रालय ने सितंबर 2021 में 12 नए लड़ाकू जेट खरीदने के लिए 664 मिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किए हैं। अर्जेंटीना पर ब्रिटेन ने प्रतिबंध लगा रखे हैं। ऐसे में अर्जेंटीना के लिए विकल्प के रूप में रूस में बने मिग-29, मिग-35, चीन पाकिस्तान का जेएफ-17 और भारत का तेजस ही बचे हैं। अब हाल में ही अर्जेंटीना की मीडिया में दावा किया गया है कि अमेरिका ने अर्जेंटीना पर चीनी या भारतीय लड़ाकू विमानों के बजाय डेनिश एफ-16 को चुनने के लिए दबाव डाला है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिका और अर्जेंटीना 24 एफ-16 लड़ाकू विमानों की डील को साइन करने के काफी करीब हैं।

चीन को पछाड़ने के लिए डील में कूदा अमेरिका

रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट हाउस (America) ने कांग्रेस पर अर्जेंटीना को 24 एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री को मंजूरी देने के लिए दबाव डाला है। हालांकि, अर्जेंटीना ने यह तय नहीं किया है कि वह पाकिस्तान और चीन में बने जेएफ-17 को खरीदेगा या फिर भारत में बने तेजस को। रिपोर्ट में सौदे के बारे में अमेरिका की आपत्तियों को पश्चिमी और एशियाई शक्तियों के बीच भूराजनीतिक विवाद के रूप में देखा गया है। हालांकि, इस बिक्री में मुख्य बाधा अर्जेंटीना की सैन्य क्षमता बढ़ाने वाले हथियारों के निर्यात पर ब्रिटेन का प्रतिबंध है।

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