अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान की शरण में पहुंचा जिगरी दोस्त! सीपीईसी पर ड्रैगन का महाप्‍लान, अमेरिका ने गड़ाई नजरें

चीन (China) के उप प्रधानमंत्री और जिनपिंग के बेहद करीबी हे लीफेंग रविवार को पाकिस्‍तान के 3 दिवसीय दौरे पर पहुंच गए हैं। चीनी नेता का यह दौरा बीआरआई प्रॉजेक्‍ट के तहत बन रहे चाइना पाकिस्‍तान आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) के 10 साल पूरे होने पर हो रहा है। बताया जा रहा है कि चीन अब राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बेल्‍ट एंड रोड परियोजना के अगले चरण को शुरू करने जा रहा है। इसके तहत अब चीन की ओर से पाकिस्‍तान में बड़े पैमाने पर स्‍पेशल इकनॉमिक जोन बनाने का प्‍लान है। लीफेंग को चीन की अर्थव्‍यवस्‍था को देखने का जिम्‍मा मार्च महीने में दिया था। हे लीफेंग 5 साल तक चीन की अर्थव्‍यवस्‍था के मुख्‍य कर्ताधर्ता रह चुके हैं, उन्‍होंने दुनियाभर में चीन आर्थिक रिश्‍तों और बीआरआई के क्रियान्‍वयन में प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्‍होंने साल 2017 से लेकर साल 2023 तक पाकिस्‍तान में सीपीईसी प्रॉजेक्‍ट के प्‍लानिंग और क्रियान्‍वयन में भी बेहद अहम भूमिका निभाई है।

चीन ने 30 अरब डॉलर का किया न‍िवेश

इस बीच पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद में बेहद कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था की गई है। 31 और 01 अगस्‍त को स्‍थानीय प्रशासन ने छुट्टी का ऐलान कर दिया है। चीन ने पिछले 10 साल में 30 अरब डॉलर का निवेश किया है जो ऊर्जा से लेकर आधारभूत ढांचे तक है। इससे पहले इमरान खान सरकार ने चीन की चाल को भांपते हुए सीपीईसी से हाथ पीछे खींच लिए थे। वहीं चीन ने भी डिफॉल्‍ट होने की कगार पर पहुंचे पाकिस्‍तान को कई बेलआउट पैकेज दिए हैं। कई लोन को अगले दो साल के लिए टाल दिया गया है। चीनी नेता यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब दुनिया में भूराजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं।

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अमेरिका की चीनी नेता पर नजर

इससे पहले पाकिस्‍तान चाहता था कि शी जिनपिंग सीपीईसी के इस कार्यक्रम के लिए आए लेकिन उन्‍होंने आने से किनारा कर लिया। अब पाकिस्‍तान में चुनाव के बाद शी जिनपिंग के आने की उम्‍मीद है। पाकिस्‍तान अमेरिका के विरोध के बाद भी चीन के साथ अपने रिश्‍ते मजबूत कर रहा है और यही वजह है कि पश्चिमी देशों की भी इस यात्रा पर नजर है। पाकिस्‍तान अमेरिका की मदद से लोन हासिल कर रहा है मगर भविष्‍य में उसका इरादा चीन के साथ जाने का है।

आईएन ब्यूरो

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