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Civil War in Afghanistan: तालिबान की मदद कर बुरे फंसे Imran Khan- युद्ध का सता रहा डर!

तालिबान की मदद कर बुरे फंसे Imran Khan

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शुरुआत से ही तालिबान का गुड़गान गा रहे हैं, लेकिन यही तालिबान अब उनके लिए मुसिबत बनते जा रहा है। इमरान खान को आने वाली दिनों में होने वाली स्थिति का अब अंदाजा लगने लगा है जिसके चलते उन्हें अब डर सताने लगा है। इमरान खान ने खुद एक इंटरव्यू में अपने इस डर का खुलासा किया है।

बात करें इस वक्त अफगानिस्तान की तो वहां पर तालिबानी राज के बाद से सबकुछ तहत-नजह हुआ पड़ा है। देश की अर्थव्यवस्था का अंदाजा इसी से लगा लीजिए की लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है। पैसे की इतनी बड़ी किल्लत हो गई है कि लोगों को अपने घरों का सामन बेच कर गुजारा करना पड़ रहा है। इसके साथ ही ना ही नौकरी है और ना ही आगे का भविष्य दिख रहा है। ऐसे में देश में गृह युद्ध का डर सताने लगा है।

पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान में गृह युद्ध के आसार नजर आ रहे हैं। इमरान खान का बयान ये ऐसे समय में आ रहा है ज वो तालिबान सरकार का समर्थन कर रहे हैं। बीबीसी को दिए अपने एक इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा कि, यदि उनके पास एक समावेशी सरकार नहीं होती है, तो धीरे-धीरे देश गृह युद्ध की ओर बढ़ रहा है। अगर वे सभी गुटों को शामिल नहीं करते हैं तो जल्द भी हो सकता है और इससे पाकिस्तान भी प्रभावित होगा। इमरान खान ने कहा कि, यदि गृह युद्ध छिड़ जाता है तो उनका देश मुख्य रूप से एक मानवीय और शरणार्थी संकट की संभावना के बारे में चिंतित है। साथ ही साथ पाकिस्तानी सरकार से लड़ने वाले सशस्त्र समूहों द्वारा अफगान की धरती का इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।

इसके आगे इमरान खान ने कहा कि, इसका मतलब होगा एक अस्थिर और अराजक अफगानिस्तान। अफगानिस्तान आतंक के लिए आदर्श जगह बन जाएगी, क्योंकि अगर कोई नियंत्रण नहीं है और वहां लड़ाई चल रही है, तो ये चिंता की बात है। इसलिए अफगानिस्तान की धरती पर आतंकवाद पनपेगा, अगर कोई मानवीय संकट या गृह युद्ध होता है तो हमारे लिए एक शरणार्थी मुद्दा पैदा होगा।